Budget 2018 केंद्र सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट
नई दिल्ली:LNN: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में Budget 2018 को पेश करते हुये अगले साल आने वाले चुनाव की तैयारी का एहसास करा दिया.
Budget 2018 केंद्र सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है.
अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं.वहीं साल 2018 में 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं.
चुनावों को देखते हुए Budget 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली कई लोकलुभावन घोषणा की.
Budget 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली के भाषण की ख़ास बातें:
Budget 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का ऐलान कर दिया है.
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इसके तहत अब देश के 50 करोड़ लोगों को इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक कैशलेस सुविधा दी जाएगी.
टीबी मरीजों के लिए 600 करोड़ रुपये की स्कीम, 24 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने का प्रस्ताव
वित्त मंत्री ने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि पॉलिसी पैरालिसिस को बदल डाला है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किया दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का ऐलान
हमने बुनियादी संरचनात्मक सुधार किए हैं. नोटबंदी की वजह से काले धन में कमी आई है.
उन्होंने कहा कि दूसरे दौर में 7.5 फीसदी विकास दर की उम्मीद है. इसके साथ ही कई सरकारी योजनाओें का जिक्र किया है.
उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का ऐलान कर दिया है.
सौभाग्य योजना के तहत 4 करोड़ गरीब घरों को मुफ्त बिजली दी जाएगी.
2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य. कम लागत में अधिक फसल उगाने पर ज़ोर,
किसानों को उनकी उपज का अधिक दाम दिलाने पर फोकस, रिकॉर्ड स्तर पर 275 मिलियन टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ.
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किसानों को उनके लागत का डेढ़ गुना देंगे,खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना है.
2000 करोड़ रुपये की लागत से कृषि बाज़ार.फूड प्रोसेसिंग सेक्टर 8 फ़ीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है.
कृषि प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 1400 करोड़ रुपये.500 करोड़ रुपये की लागत से ऑपरेशन ग्रीन.
मोबाइल, टीवी उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई
किसानों को कर्ज के लिए बजट में 11 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव,
42 मेगा फूड पार्क बनाए जाएंगे. किसान क्रेडिट कार्ड पशुपालकों को भी मिलेगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 से 7.5 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी.
आयकर छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं,शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स 15 प्रतिशत जारी रहेगा.
2018-19 में वित्तीय घाटा जीडीपी का 3.3 प्रतिशत रखने का लक्ष्य,
मौजूदा वित्तीय वर्ष में वित्तीय घाटा 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान,
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए 40 हज़ार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन यानी जितना वेतन है उसमें से 40 हज़ार रुपये घटाकर जो रकम बचेगी उस पर टैक्स लगेगा.
एक लाख रुपये से अधिक के निवेश पर 10 प्रतिशत कैपिटल गेन टैक्स.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिक्लेम 50 हज़ार.स्वास्थ्य और शिक्षा सेस अब बढ़कर 4 प्रतिशत हुआ.
आयकर छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं
250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत टैक्स
डायरेक्ट टैक्स वसूली 12.6 प्रतिशत बढ़ी,85 लाख 51 हज़ार नए करदाता जुड़े.
राष्ट्रपति की तनख्वाह पाँच लाख होगी, उपराष्ट्रपति की चार लाख रुपये और राज्यपाल की तनख्वाह साढ़े तीन लाख होगी.
सांसदों का वेतन भी बढ़ेगा और हर पांच साल में सांसदों के भत्ते की समीक्षा होगी.
2018-19 में विनिवेश से 80 हज़ार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य,दो बड़ी बीमा कंपनियां शेयर बाज़ार में लिस्ट होंगी.
मोबाइल, टीवी उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई, मोबाइल, टीवी महंगे होंगे
रेलवे के विस्तार पर 1.48 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे, मुंबई रेल नेटवर्क के लिए 11,000 करोड़ रुपये.
बैंग्लुरू मेट्रो नेटवर्क के लिए 17,000 करोड़ रुपये, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए वडोदरा में संस्थान बनेगा.
मुद्रा योजना के लिए तीन लाख करोड़ रुपये,नए कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में 12 फ़ीसदी योगदान सरकार करेगी.
महिलाओं के लिए शुरुआती तीन सालों के लिए ईपीएफ़ योगदान घटाकर 8 फ़ीसदी.
70 लाख नई नौकरियां बनाने का लक्ष्य, टेक्सटाइल सेक्टर के लिए 7148 करोड़ रुपये का आवंटन.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत छह करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण, 2018-19 में दो करोड़ नए शौचालय बनाने का लक्ष्य.
ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के लिए 14.34 लाख करोड़ रुपये,इफ्रांस्ट्रक्चर के लिए 50 लाख करोड़ रुपये की ज़रूरत.
आदिवासियों के लिए बनाए जाएंगे एकलव्य विद्यालय
विदेशी निवेश में बढ़ावा हुआ है. एक समय था जब भ्रष्टाचार, शिष्टाचार का अंग बन गया है, अब ईमानदारी का चलन बढ़ा है.
मई 2014 के बाद मोदी सरकार के पहले तीन सालों में अर्थव्यवस्था की रफ़्तार साढ़े 7 फ़ीसदी रही है.
दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.3 प्रतिशत है, जिससे इस साल 20-17-18 में जीडीपी विकास दर 7.2 से 7.5 फ़ीसदी रहने का अनुमान है.
भारत 2.5 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था.
सरकार ने कस्टम ड्यूटी को भी बढ़ा दिया है.इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा.
वहीं डीजल और पेट्रोल की कीमत में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती की गई है.
अब मोबाइल, टीवी से लेकर विदेशी पैन तक खरीदने के लिए ज्यादा रुपए देने होंगे.
स्मार्ट सिटी के लिए 99 शहर चुने गए हैं,100 स्मारकों को आर्दश बनाया जाएगा, धार्मिक पर्यटन शहरों के लिए हेरिटेज योजना बनाई जाएगी.
प्री नर्सरी से 12वीं तक सभी को शिक्षा देने पर जोर दिया जाएगा, डिजिटल पढाई को बढ़ावा देने पर भी जोर रहेगा.
बच्चों को स्कूल तक पहुंचाना बड़ा लक्ष्य है. आदिवासियों के लिए एकलव्य विद्यालय बनाए जाएंगे.स्कूलों में ब्लैक बोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड लगाए जाएंगे.