नई दिल्ली:MeToo in WFI:भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) और कुछ कोच पर ओलिंपिक विजेता खिलाड़ियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
दिल्ली के जंतर-मंतर पर 200 से ज्यादा रेसलर और एथलीट बुधवार 18 जनवरी से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.
रेसलरों ने बृजभूषण सिंह के इस्तीफे और भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग की है.
इस बीच खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को मीडिया के सामने नहीं जाने की सलाह दी है.
अनुराग ठाकुर ने बृजभूषण सिंह को यौन शोषण के आरोपों के खिलाफ कोई बयान देने से सावधान किया है,
क्योंकि ऐसा करने से मामला जटिल हो सकता है
MeToo in WFI:खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार 19 जनवरी को रात 10 बजे करीब चार घंटे तक खिलाड़ियों के साथ बैठक की थी, जो बेनतीजा रही.
आज (20 जनवरी) वह फिर खिलाड़ियों के साथ बैठक कर सकते हैं.
शुक्रवार को भी इन पहलवानों से बातचीत की. अनुराग ठाकुर अभी बृजभूषण के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.
खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को नोटिस भेजकर जवाब के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है.
इसकी मियाद शनिवार रात यानी 21 जनवरी को खत्म होगी.
इससे पहले उत्तर प्रदेश के गोंडा में पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था,
”अगर मैं बोलूंगा तो सुनामी आ जाएगी.
किसी की मदद से मैं यहां नहीं पहुंचा हूं, मुझे लोगों ने चुना है.”
सूत्रों ने बताया है कि कुश्ती संघ के प्रमुख के खिलाफ अभी तक कोई आरोप नहीं लगाया जा सकता है,
क्योंकि उनके खिलाफ कोई विशेष शिकायत दर्ज नहीं की गई है.
#MeToo in WFI:इस बीच प्रदर्शनकारी पहलवानों ने आज भारतीय ओलंपिक संघ की प्रमुख पीटी उषा को लिखे पत्र में सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित करने की मांग की.
पहलवानों ने कुश्ती संघ को खत्म करने की मांग भी की है.
पहलवानों ने यह भी कहा है कि उन्हें कुछ मामलों में पूरा पैसा नहीं मिला है.
पीटी उषा को पत्र लिखने वाले पहलवानों में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, दीपक पूनिया और रवि दहिया शामिल हैं.
वहीं, विनेश फोगट पीड़ितों की पहचान भारतीय ओलंपिक संघ समिति के समक्ष प्रकट करने पर सहमत हो गई हैं.
टोक्यो ओलंपिक मेडल विजेता रवि दहिया और बजरंग पुनिया सहित पांच पहलवानों के साइन की हुई इस चिट्ठी में लिखा है,
“टोक्यो में ओलंपिक पदक से चूकने के बाद विनेश फोगट को डब्ल्यूएफआई प्रमुख द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था.
इससे परेशान होकर उन्होंने लगभग आत्महत्या के बारे में सोचा था.
” पहलवानों ने अपनी मांग दोहराई कि कुश्ती महासंघ को भंग कर दिया जाए
और उसके प्रमुख को बर्खास्त कर दिया जाए.