Weather Update:Temperature:मौसम में इस सप्ताह काफी उठक-पटक देखने को मिल सकते हैं.
17 से 20 मार्च तक गरज-चमक के साथ आंधी-पानी और ओलावृष्टि के आसार हैं.
वहीं मार्च के अंत तक तापमान 39 से 40 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है.
मौसम विशेषज्ञों की भविष्यवाणी सच हुई तो फसलें, खासकर आम को खासा नुकसान हो सकता है.
Weather Update:मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मार्च ही नहीं, मई का महीना भी मौसम की अनिश्चितता के कारण अचंभित करने वाला रहेगा.आंधी-पानी की सक्रियता लगातार बनी रहेगी.
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एचआर रंजन और आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक,
14 मार्च को बांदा, प्रयागराज, चित्रकूट और सोनभद्र में बूंदाबांदी हो सकती है.
वहीं 17 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आगरा, अलीगढ़, फतेहपुर में बारिश के संकेत मिल रहे हैं.
जबकि 17 की शाम से बादलों का डेरा लखनऊ में रहेगा.
एचआर रंजन कहते हैं कि 18 और19 मार्च को अच्छी बारिश होगी.
बहुत संभव है कि ये बीते वर्षों के रिकॉर्ड की बराबरी कर ले.
16 तक पारे में एक से दो डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है.
इसके बाद 17 से 20 तक बादलों के कारण तापमान में गिरावट आएगी.
ये कारक होंगे जिम्मेदार
अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से पैदा हुए चक्रवातीय परिसंचरण
और इसके चलते अरब सागर व बंगाल की खाड़ी की हवाओं से पैदा हुई नमी के चलते ये हालात बन रहे हैं.
अप्रैल और मई के मौसम को लेकर भी अच्छे संकेत नहीं
एचआर रंजन के मुताबिक, अप्रैल के प्रथम सप्ताह को छोड़कर पूरे माह आंशिक बादल छाए रहेंगे.
बूंदाबांदी होती रहेगी और आंधी के आसार बने रहेंगे.
अप्रैल के पहले सप्ताह में तापमान 43 डिग्री तक जा सकता है.
इसी तरह पूरे मई माह में बूंदाबांदी होती रहेगी.
…तो आम की फसल होगी प्रभावित
मलिहाबाद के बड़े बागबान संजीव सिंह के मुताबिक, बौर इस वक्त फूल रहा है.
आम की सेटिंग हो रही है। ऐसे में यदि मौसम ने बेरुखी दिखाई तो फसल चौपट हो जाएगी.
पत्थर पड़े तो नाजुक बौर टूट जाएंगे। जो फूल बचेगा, उसमें बारिश के कारण फंगस लग जाएगा.
यदि अप्रैल व मई में आंधी का खतरा बना रहा तो 80 फीसदी तैयार आम खत्म हो सकते हैं.
फसलों को लेकर कृषि विशेषज्ञ चिंतित
कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह के मुताबिक फरवरी से बढ़े तापमान से गेहूं की पछेती फसल को नुकसान पहुंचा है.
कद्दू, तरोई,लौकी, करेला,खीरा ककड़ी, भिंडी, टमाटर एवं मीठे फलों में तरबूज एवं खरबूजा की पर अधिक गर्मी का प्रभाव दिखने लगा है.
इधर किसानों ने मूंग, उड़द, मक्का, सूरजमुखी की बुवाई प्रारंभ कर दी है.
यदि मौसम में परिवर्तन होता है तो ये फसलें प्रमुख रूप से अधिक प्रभावित होंगी.