Chandrayaan 3 : भारत के चंद्रयान-3 मिशन के रोवर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद मिट्टी (Moon Soil) की जांच शुरू कर दी है.
इसरो (ISRO) ने रविवार (27 अगस्त) को ट्वीट (एक्स) कर इस बारे में जानकार दी.
इसरो ने बताया कि अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में पहली बार चंद्रयान 3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की मिट्टी की जांच की.
सतह के नीचे 10 सेमी तक इसके तापमान में अंतर था.
Chandrayaan-3 Mission:
Here are the first observations from the ChaSTE payload onboard Vikram Lander.ChaSTE (Chandra’s Surface Thermophysical Experiment) measures the temperature profile of the lunar topsoil around the pole, to understand the thermal behaviour of the moon’s… pic.twitter.com/VZ1cjWHTnd
— ISRO (@isro) August 27, 2023
इसरो ने ट्वीट (एक्स) में लिखा, “ये पहली बार है कि दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्र मिट्टी की तापमान प्रोफाइलिंग की जा रही है क्योंकि पहली बार किसी देश ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की है.
” इसरो ने मिट्टी के तापमान पर एक ग्राफ भी शेयर किया है.
ग्राफ में तापमान -10 डिग्री सेल्सियस से 50 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तक दिखाई दे रहा है.
Chandrayaan 3 : इसरो ने दिया ताजा अपडेट
स्पेस एजेंसी ने कहा, “ChaSTE पेलोड चंद्रमा की सतह के थर्मल बिहेवियर को समझने के लिए,
ध्रुव के चारों ओर चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रोफाइल को मापता है.
इसमें तापमान जांचने का यंत्र है जो सतह के नीचे 10 सेमी की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है.”
चांद की मिट्टी के तापमान की प्रोफाइलिंग की
इसरो ने बताया कि इसमें 10 अलग-अलग तापमान सेंसर लगे हैं.
इस ग्राफ में चंद्र की सतह के तापमान के अंतर को दिखाया गया है.
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए ये पहली ऐसी प्रोफाइल है. आगे की रिसर्च भी चल रही है.
23 अगस्त को की थी सॉफ्ट लैंडिंग
इससे पहले शनिवार को इसरो ने बताया था कि चंद्रयान-3 मिशन के तीन में से दो उद्देश्य हासिल कर लिए गए हैं,
जबकि तीसरे उद्देश्य के तहत वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं.
साथ ही चंद्रयान-3 मिशन के सभी पेलोड सामान्य रूप से काम कर रहे हैं.
चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी.