पटना :Caste census:जातिगत गणना के आंकड़े बिहार सरकार ने जारी कर दिए हैं. राज्य में अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा है. वहीं, पिछड़ा वर्ग कुल आबादी का 27.1 प्रतिशत है.
बिहार जाति आधारित सर्वे में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा बताई गई है.
बिहार सरकार की इस रिपोर्ट को जल्द जारी करने को लेकर काफी दबाव बनाया जा रहा था.
अब आखिरकार सोमवार को मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने ये रिपोर्ट जारी कर दी है.
बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने जातीय गणना पर एक किताब जारी की है.
उन्होंने कहा कि बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है.
इसमें 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं.
अनुसूचित जाति 19.65%, अनुसूचित जनजाति 1.68% और सामान्य वर्ग 15.52% है.
इसमें पुरुषों की कुल संख्या 6 करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है, जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है.
अन्य की संख्या 82 हजार 836 पाई गई है. गणना के अनुसार 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं.
आबादी में करीब 82% हिंदू, 17.7% मुसलमान
बिहार की आबादी में करीब 82 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी मुसलमान हैं. बिहार में 2011 से 2022 के बीच हिंदुओं की आबादी घटी है.
2011 की जनगणना के अनुसार हिंदू आबादी 82.7% और मुस्लिम आबादी 16.9% थी.
बिहार की आबादी में सबसे ज्यादा अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36% है.
उन्हें नौकरी में मौजूदा आरक्षण 18% दिया जा रहा है. 27% ओबीसी के लिए 12% आरक्षण दिया जा रहा है.
मौजूदा समय में बिहार में ईबीसी और ओबीसी को मिलाकर 30% के रिजर्वेशन का प्रावधान है.
इसमें 18% ईबीसी को और 12% ओबीसी को आरक्षण मिल रहा है.
जबकि जाति आधारित गणना के मुताबिक इनकी संख्या बढ़कर 63% हो गई है.
राज्य में माइग्रेटेड आबादी 53 लाख 72 हजार 22 है
बिहार राज्य में हुई गणना के अनुसार प्रदेश की जनसंख्या में बिहार के बाहर में रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है.
बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 है.
दो चरणों में हुआ था सर्वे
बिहार में जातिगत सर्वे दो फेज में पूरा हुआ था. 7 जनवरी से सर्वे का पहला फेज शुरू हुआ था.
इसमें मकानों का सूचीकरण हुआ, मकानों को गिना गया.
यह फेज 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था.
दूसरा फेज 15 अप्रैल से शुरू हुआ. इसे 15 मई को पूरा हो जाना था. लोगों से डेटा जुटाए गए.
दूसरे फेज में परिवारों की संख्या, उनकी लाइफस्टाइल, इनकम वगैरह के आंकड़े जुटाए गए.
सीएम नीतीश कुमार बोले- 9 दलों की बुलाएंगे बैठक
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जातिगत सर्वे की रिपोर्ट का प्रकाशन गांधी जयंती के दिन हुआ है.
बिहार विधानसभा में 9 राजनीतिक दलों की एक बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी,
जिन्होंने सर्वेक्षण के समर्थन में सर्वसम्मति से मतदान किया था.
उन्हें सर्वेक्षण के निष्कर्षों के बारे में सूचित किया जाएगा.
नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, “जाति सर्वेक्षण ने विभिन्न जातियों की आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानकारी दी है.
इस डेटा के आधार पर सभी समुदायों के विकास के लिए कदम उठाए जाएंगे.”
Caste census: 2024 में सरकार बनने पर हम जाति जनगणना कराएंगे-लालू
RJD संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी सर्वे रिपोर्ट के प्रकाशन का स्वागत किया.
उन्होंने कहा, “बीजेपी की साजिशों और कानूनी बाधाओं के बावजूद यह सर्वे पूरा किया गया.”
लालू प्रसाद यादव ने X पर लिखा- “ये आंकड़े वंचित और उत्पीड़ित वर्गों और गरीबों को उनकी आबादी के अनुसार प्रतिनिधित्व देने और उनके विकास के लिए नीतियां बनाने में देश के लिए एक मानक स्थापित करेंगे.”
जातिगत सर्वे एक मील का पत्थर-तेजस्वी यादव
लालू यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि रिपोर्ट का प्रकाशन दशकों लंबे संघर्ष में एक मील का पत्थर है.
उन्होंने कहा, “इस सर्वे में सिर्फ जाति-आधारित आंकड़े ही नहीं दिए गए हैं, बल्कि उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानकारी दी गई है.
अब सरकार इस डेटा के आधार पर सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी.”
कांग्रेस बोली, हम तो पहले से पक्षधर
बिहार सरकार की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने साफ कहा, ‘हम तो हमेशा से इसके (जातिगत जनगणना) पक्षधर रहे हैं.
मध्य प्रदेश में सरकार बनने पर हम इसे (जातिगत जनगणना) कराएंगे.