Uttarakhand Tunnel Rescue : उत्तरकाशी स्थित सिल्क्यारा के सुरंग में फंसे मजदूर आखिरकार 17वें दिन बाहर आ ही गए.
मंगलवार की दोपहर, उनके लिए जिन्दगी की नई रोशनी ले कर आई.
सुरंग से बाहर आते ही मजदूरों को फौरन एंबुलेंस की जरिए अस्पताल ले जाया जा रहा है.
रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता के बाद मजदूरों के परिजनों, रेस्क्यू टीम और प्रशासन ने राहत की सांस ली है.
झारखंड निवासी विजय होरो को सबसे पहले निकाला गया है.
दूसरे मजदूर गणपति होरो को भी सुरंग से बाहर निकाला गया है.
Uttarakhand Tunnel Rescue : मुख्यमंत्री ने शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया.
अब तक पांच मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाल लिया गया है.
इसके साथ ही मनजीत, अनिल , धीरेंद्र नायक, उनाधर नायक, तपन मंडल, राम प्रसाद, चंपा उराव, जय प्रकाश, सुखराम को बाहर निकाला जा चुका है.
टनल से निकाले गए मजदूरों में रंजीत लोहार, महादेव नायक, जयदेव वैरा, सोखिम मन्ना, संजय, राजेंद्र भी शामिल हैं.
रामसुंदर, सुबोध कुमार वर्मा, विश्वजीत वर्मा को भी बाहर निकाला गया है.
टनल से समीर नायक, रविद्र नायक, राम मिलन को भी बाहर निकाल लिया गया है.
टनल से निकालने जाने वाले मजदूरों में संतोष कुमार, अंकित कुमार, सतदेव, सोनू शाह, दीपक कुमार, मानिक,
अखिलेश , गब्बर सिंह नेगी, अहमद, सुशील शर्मा, विरेंद्र, भगतू, रिंकू को भी बाहर निकाल लिया गया है.
इन मजदूरों को मलबा भेदकर ड्रिलिंग मशीन के जरिए सुरंग बनाकर निकाला गया,
जिसमें 800 एमएम के पाइप डाले गए. इन पाइपों के जरिए एक-एक कर मजदूरों को बाहर निकाला गया
और वो रेंगते हुए बाहर निकाले गए.
जो मजदूर कमजोर हैं या किसी वजह से रेंगते हुए बाहर नहीं आ सके उनके लिए एक स्ट्रेचर बनाया गया था,
जिसमें पहिए लगे हुए हैं. इन मजदूरों स्ट्रेचर पर लिटाकर रस्सी के जरिये बाहर खींचा गया.
Uttarakhand Tunnel Rescue : एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया
प्रशासन की ओर से मजदूरों के सुरंग से बाहर आने के बाद सारी तैयारियां की गईं थी,
बुधवार से ही यहां पर 41 एंबुलेस और डॉक्टरों की टीम तैनात रही,
सुरंग से बाहर निकलते ही इन मजदूरों के प्राथमिक परीक्षण के लिए सुरंग के बाहर बनाए गए अस्थायी अस्पताल में ले जाया गया.
इसके साथ ही यहां एक हैलीकॉप्टर भी तैनात है.
ताकि किसी को अगर जरुरत हो तो उसे तत्काल बड़े अस्पताल ले जाया जा सके.
चिन्यालीसौड़ में अस्पताल तैयार
श्रमिकों की देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों का एक अस्पताल तैयार किया गया है,
जहां पर इन मजदूरों को ले जाया गया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर पूरे देश और दुनिया की नजर बनी हुई थी.
पीएम मोदी खुद इस ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे और लगातार उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से अपडेट ले रहे थे.
17 दिन बाद बाहर आए मजदूर
आपको बता दें कि 12 नवंबर दिवाली के दिन उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में अचानक धंसाव हो गया था,
जिसमें 41 मजदूर सुरंग में ही फंस गए थे.
पिछले ग्यारह दिनों से लगातार इन मजदूरों को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था.
कई बार इसमें कुछ रुकावट भी आई,
जिसकी वजह से रेस्क्यू में देरी हुई, लेकिन इन तमाम बाधाओं को दूर किया गया और आखिरकार आज प्रशासन को इसमें सफलता मिली.