भोपाल: BJP के मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री को लेकर जारी सस्पेंस सोमवार को खत्म होने की संभावना है.
BJP के 163 नवनिर्वाचित विधायक केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सोमवार, 11 दिसंबर को एक बैठक करेंगे.इस बैठक में नवनिर्वाचित विधायक अगले मुख्यमंत्री का नाम भी चयन करेंगे.
ये जानकारी पार्टी के एक पदाधिकारी ने दी है.
भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में अपने विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar), अपने ओबीसी ‘मोर्चा’ प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा (Asha Lakra) को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया.
वहीं पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक सोमवार शाम पांच बजे या सात बजे के बीच किसी भी समय शुरू हो सकती है.
उन्होंने बताया कि बैठक पहले रविवार को होने वाली थी,
लेकिन पर्यवेक्षकों के व्यस्त कार्यक्रम के कारण इसे सोमवार तक के लिए टाल दिया गया
सूत्रों ने बताया कि पर्यवेक्षकों के रविवार शाम या सोमवार सुबह मध्य प्रदेश पहुंचने की संभावना है.
पिछले 19 साल में यह तीसरी बार है जब भाजपा मध्य प्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षक भेज रही है.
हालांकि सबसे पहले अगस्त 2004 में, जब उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था
तो पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद महाजन और अरुण जेटली को राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में भेजा गया था.
इसके बाद नवंबर 2005 में, जब बाबूलाल गौर ने राज्य में शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया था तो विधायकों को नया मुख्यमंत्री चुनने में मदद करने के लिए राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था.
हालांकि उस समय शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया था.
इस बार भाजपा ने मौजूदा मुख्यमंत्री चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना विधानसभा चुनाव लड़ा.
ऐसा 20 साल बाद हुआ कि पार्टी ने मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया.
बता दें कि इस बार पार्टी ने मध्य प्रदेश में किसी भी चेहरे पर नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा है.
हालांकि पार्टी की ये रणनीति सफल भी रही.
दरअसल, बीजेपी ने राज्य में 23-0 विधानसभा सीटों में से 163 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की है.
वहीं तमाम दावों और वादों के बावजूद कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट गई.