शिंदे गुट ही असली शिवसेना’ स्पीकर के फैसले से कितनी बदलेगी महाराष्ट्र की राजनीति?

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MLA Disqualification in Maharashtra

MLA Disqualification in Maharashtra : शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता पर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने अपना फैसला सुना दिया है.

उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्होंने एकनाथ शिंदे और उनके (ठाकरे) गुट के अन्य विधायकों की सदस्यता बरकरार रखी है.

MLA Disqualification in Maharashtra: स्पीकर ने शिंदे गुट की याचिका पर भी सुनवाई की और ठाकरे गुट के 14 विधायकों की योग्यता को बनाए रखा.

उन्होंने फैसले सुनाते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे का नेतृत्व पार्टी के संविधान के मुताबिक नहीं है.

शिवसेना (यूबीटी गुट) की दलील में दम नहीं है.

एकनाथ शिंदे को पार्टी विधायक दल के नेता के पद से हटाने का हक उद्धव ठाकरे के पास नहीं था.

स्पीकर ने कहा कि उन्होंने शिवसेना के 1999 के संविधान के मुताबिक असली शिवसेना का फैसला किया है.

1999 के संविधान के अनुसार पार्टी में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सर्वोपरि है

और शिवसेना प्रमुख को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से ही शक्ति मिलती है.

अब जबकि स्पीकर ने दोनों गुटों के विधायकों की सदस्यता को बरकरार रखा है,

तो सवाल उठता है कि क्या इस फैसले का प्रभाव महाराष्ट्र की राजनीति पर पड़ेगा.

इसका सीधा जवाब है कि स्पीकर के फैसले के बाद महाराष्ट्र की राजनीति और सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

महाराष्ट्र में बनी रहेगी शिंदे सरकार

अगर बात करें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार की तो इस फैसले के बाद सरकार के ऊपर से खतरा टल गया है.

फिलहाल 286 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में शिंदे सरकार के पास कुल 203 विधायक हैं.

इनमें से बीजेपी के 104, शिवसेना (शिंदे गुट) के 40, एनसीपी (अजित पवार गुट) के 41 और 18 अन्य विधायक शामिल हैं, जबकि यहां बहुमत का आंकड़ा 144 है.

ऐसे में इस फैसले के बाद सरकार को और मजबूती मिलेगी. इस फैसले के बाद सीएम शिंदे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहेंगे.

पार्टी का सिंबल ‘तीर-कमान’ गंवा चुके उद्धव गुट का इस फैसले के बाद मनोबल टूट सकता है.

इसके अलावा आगामी पार्टी के सामने फिर से संगठन खड़ा करने की चुनौती होगी.

इसके अलावा उद्धव ठाकरे के सामने एक चैलेंज अपने गुट के विधायकों को साथ बनाए रखना भी होगा.

इस बीच आदित्य ठाकरे ने कहा है कि वह स्पीकर के फैसले के बाद कानून लड़ाई लड़ेंगे और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

वहीं, इसे लेकर संजय राउत ने कहा कि शिवसेना महाराष्ट्र के रग-रग में है, हम सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएंगे.

उन्होंने कहा, “आज का फैसला साजिश है.

इन लोगों को भगवान राम का नाम लेने का अधिकार नहीं है.

यह बीजेपी की साजिश है कि शिवसेना को खत्म कर दिया जाए, लेकिन ऐसा कभी नहीं होने वाला.

यह उनका सपना था कि एक दिन हम बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को खत्म कर देंगे,

लेकिन इस एक फैसले से शिवसेना खत्म नहीं होगी.”

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