Ram Lalla Pran Pratishta: 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है. पॉलिटिकल इवेंट’ बताकर इस आयोजन से कई राजनीतिक दलों ने दूरी बना ली है.
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के साथ-साथ कई अन्य राजनीतिक दलों ने इस आयोजन को ‘पॉलिटिकल इवेंट’ बताकर शामिल होने से इनकार कर दिया.
Ram Lalla Pran Pratishta:इस कार्यक्रम से पहले अब टीएमसी नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी का रविवार (21 जनवरी) को एक बयान सामने आया है.
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट शेयर करते हुए टीएमसी नेता बनर्जी ने कहा,
“मेरे धर्म ने पूजा के उस स्थल को स्वीकार और अपनाना नहीं सिखाया है जोकि घृणा, हिंसा और मासूम लोगों के शवों पर बनाया गया हो.
यह धर्मस्थल चाहे मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारा ही क्यों न हो.”
My RELIGION has not taught me to accept and embrace a place of worship, whether it be a MANDIR, MASJID, CHURCH or GURUDWARA, which has been built over HATRED, VIOLENCE and the dead bodies of innocents. Period!
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) January 21, 2024
22 जनवरी को मां काली की पूजा करेंगी ममता बनर्जी
उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “मैं 22 जनवरी को एक रैली करूंगी.
इसकी शुरुआत काली मंदिर से होगी, जहां मैं मां काली की पूजा करूंगी.
इसके बाद हम हाजरा से पार्क सर्कस मैदान तक एक अंतरधार्मिक रैली करेंगे.”
दरअसल, ममता बनर्जी अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हो रही हैं.
Ram Lalla Pran Pratishta: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को टीएमसी ने पूरे पश्चिम बंगाल में ब्लॉक स्तर पर सर्व धर्म रैली आयोजित करने का निर्णय भी लिया है.
इसकी सभी तैयारियां करने का दावा भी किया गया है.
रैली की थीम ‘सभी धर्म बराबर है’ रखी गई है.
पार्टी सुप्रीमों के इस निर्णय के बाद अभिषेक बनर्जी की तरफ से आया बयान भी रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के संदर्भ में ही देखा जा रहा है.