Ajit Pawar real NCP: Ajit Pawar गुट असली NCP घोषित, शरद पवार को बड़ा झटका

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Ajit Pawar real NCP

Ajit Pawar real NCP :मुंबई: महाराष्ट्र में चुनाव आयोग ने मंगलवार को अजित पवार (Ajit Pawar) के गुट को असली NCP घोषित कर दिया.

आयोग ने अजित पवार के गुट को पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न (घड़ी) अलॉट कर दिया है.

शरद पवार गुट 7 फरवरी, 2024 को दोपहर 3 बजे तक अपने सुझाव भेज सकती है.

इस फैसले से अजित पवार गुट में जश्न का माहौल है.

वहीं, शरद पवार गुट मायूस है और लोकतांत्रिक व्यवस्था की दुहाई दे रहा है.

चुनाव आयोग ने 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद यह फैसला दिया है.

आयोग ने कहा है कि विधायकों की संख्या के बहुमत ने अजित गुट को NCP का नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की.

चुनाव आयोग ने शरद पवार बनाम अजित पवार गुट मामले में 147 पेजों का आदेश दिया है.

आयोग ने सभी दस्तावेजी सबूतों का विश्लेषण कर कहा है कि इससे स्पष्ट है कि अजित गुट का पार्टी और पार्टी के अलावा संगठन पर वर्चस्व है.

इस वजह से पार्टी का नाम और निशान दोनों अजित गुट को दिए जाते हैं.

अजित पवार से कहां-कहां चूके शरद पवार?

24 अक्टूबर 2019 को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को 105 सीटें मिली थीं.

शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

चुनाव के पहले दोनों ही पार्टियां पहले गठबंधन में थीं, बाद में तालमेल बिगड़ गया और अलग हो गईं.

फिर शिवसेना ने NCP और कांग्रेस के मिलकर सरकार बनाने की कोशिश की, लेकिन असफल हुए.

इसके बाद 12 नवंबर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया.

लेकिन 23 नवंबर को महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस को सीएम और अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलवा दी.

हालांकि, ये सरकार दो दिन में गिर गई.

क्योंकि शरद पवार ने अपना समर्थन वापस ले लिया था.

ऐसे में अजित पवार को 80 घंटों में ही डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा.

Ajit Pawar real NCP:चाचा के समझाने पर अजित पवार वापस तो आ गए, लेकिन शरद पवार उनकी राजनीतिक मंशा भांपने में नाकाम रहे.

बाद में कई मौकों पर अजित पवार ने कहा कि वो भी सीएम बनने की इच्छा रखते हैं.

इसमें कोई बुराई नहीं है.

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सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की नाराजगी

शरद पवार ने 10 जून 2023 को यानी NCP के 25वें स्थापना दिवस पर बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया. इसके बाद अजित पवार की नाराजगी की खबरें आईं.

हालांकि, उन्होंने इससे इनकार किया था.

शरद पवार ने भी कहा कि अजित पहले से ही विपक्ष के नेता के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. वे राज्य देखेंगे.

शरद यहां अपने भतीजे की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को समझने में चूक गए.

शरद पवार ने 2 मई 2023 को NCP अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद अजित पार्टी अध्यक्ष बनाए गए थे.

हालांकि, समर्थकों के भारी अपील के बाद शरद पवार ने अपना फैसला वापस ले लिया.

इसपर अजित पवार की नाराजगी साफ देखी गई.

शरद पवार अपने भतीजे की नाराजगी को दूर करने में चूक गए.

इसके नतीजे के रूप में अजित पवार ने अपना अलग गुट बनाकर महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल होने का फैसला किया.

जुलाई 2023 में उन्हें शिंदे सरकार में डिप्टी CM बनाया गया.

देवेंद्र फडणवीस पहले से ही डिप्टी सीएम थे.

महाराष्ट्र के डिप्टी CM बनकर अजित पवार ने खुद को NCP का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया.

अजित खेमे के नेता प्रफुल्ल पटेल ने मुंबई में 30 जून 2023 को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी,

उसी में यह फैसला हुआ था.

अजित पवार गुट ने उसी दिन चुनाव आयोग में NCP और उसके चुनाव चिन्ह घड़ी पर अपना दावा जताते हुए लेटर भेज दिया.

जबकि शरद पवार को इतनी तेजी नहीं दिखा पाई.

शरद पवार गुट के नेता और महाराष्ट्र में पार्टी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने 3 जुलाई को आयोग से अजित समेत 9 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की.

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वाईबी चह्वाण सेंटर में हुए मीटिंग में शरद पवार ने कहा- “जो शिवसेना के साथ हुआ, वही NCP के साथ हुआ है.

अजित पवार के मन में कुछ था तो मुझसे बात करनी चाहिए थी.

सहमति नहीं हो तो बातचीत से हल निकालना चाहिए.

अजित की बात सुनकर अफसोस हुआ. गलती सुधारना हमारा काम है.

आपने गलती की है तो सजा भुगतने तैयार रहें.”

हालांकि, शरद पवार ने अपने भतीजे पर कोई एक्शन नहीं लिया.

उन्होंने कहा कि वो फिर से पार्टी को खड़ी करेंगे.

शरद पवार को दो अलग-अलग तस्वीरों से भी लोगों के बीच गलत मैसेज गया.

एक तरफ शरद पवार ने अजित पवार के कार्यक्रमों और मीटिंग में अपनी फोटो लगाने पर आपत्ति जताई.

दूसरी ओर अपने घर पर अजित पवार से मुलाकात की और उन्हें आशीर्वाद दिया.

आयोग के इस फैसले को अब शरद पवार गुट सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा.

शरद गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड समेत कई नेता ये बात कह चुके हैं. सुप्रिया सुले ने भी ऐसा ही बयान दिया है.

-शरद गुट के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे क्योंकि वही हमारी आखिरी उम्मीद है.

हमें शरद पवार के पीछे मुस्तैदी से खड़े होना है.

पार्टी के कार्यकर्ताओं को चिंता करने की जरूरत नहीं है.

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-शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने अपने अगले कदम का खुलासा किया है.

उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि जो शिवसेना के साथ हुआ, वही आज हमारे साथ हो रहा है, इसलिए यह कोई नया आदेश नहीं है.

बस नाम हैं, बदल दिए गए हैं, लेकिन सामग्री वही है.”

उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है, एनसीपी ही शरद पवार है.

अगर शरद पवार गुट तय समयसीमा तक चुनाव आयोग को तीन नाम देने में असफल रहता है, तो आयोग अपनी तरफ से नाम और चुनाव चिह्न देगी.

अगर शरद गुट को इससे आपत्ति हुई, तो सदस्यों को निर्दलीय चुनाव लड़ना होगा.

2019 के चुनावों में महाराष्ट्र में NCP बनी थी तीसरी पार्टी
2019 के विधानसभा चुनाव में शरद पवार की अगुवाई वाली NCP महाराष्ट्र में तीसरे नंबर की पार्टी बनी थी.

288 सीटों वाले विधानसभा में BJP को 105, शिवसेना को 56 और NCP को 54 सीटें मिली थी.

कांग्रेस 44 सीटें जीत पाई थी. AIMIM को 2 सीटें मिली थीं.

उसी साल हुए लोकसभा चुनावों में भी NCP तब कांग्रेस से आगे रही थी.

महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में BJP को 23 और शिवसेना को 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.

NCP को 4 और कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट पर जीत हासिल हुई थी.

AIMIM और निर्दलीय के खाते में एक-एक सीट गई थी, लेकिन 2024 के चुनावों से पहले शिवसेना के बाद अब शरद पवार की पॉवर कम हो गई है.

शरद पवार राजनीति में छह दशक से भी ज्यादा समय से एक्टिव हैं.

अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे अब लोकसभा चुनावों की अपनी रणनीति को कैसे आगे बढ़ाएंगे? लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में 6 सीटों के राज्यसभा चुनाव होने हैं.

ऐसे में शरद पवार कैसे इस चुनौती से कैसे निपटेंगे?

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