Former CM Hemant Soren : नई दिल्ली: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है. हेमंत सोरेन 5 महीने से जेल में बंद थे.
बता दें कि ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को जमीन घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था.
सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके रांची में सरकारी जमीन का अवैध तरीके से पट्टा अपने नाम करवा लिया था.
ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था.
हेमंत सोरेन गिरफ्तारी के बाद से ही रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद थे.
Former CM Hemant Soren की जमानत याचिका पर जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई. सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मीनाक्षी अरोड़ा ने दलीलें पेश कीं.
उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर कब्जे का आरोप है,
वह जमीन छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट के तहत ‘भुईंहरी’ नेचर की है.
ऐसी जमीन को किसी भी स्थिति में बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि इस जमीन की लीज राजकुमार पाहन के नाम पर है.
इस जमीन पर हिलेरियस कच्छप नाम का एक व्यक्ति खेती करता है
और बिजली का कनेक्शन भी उसी के नाम पर है.
इससे हेमंत सोरेन का कोई संबंध नहीं है.
पूर्व सीएम के वकीलों ने कहा कि हेमंत सोरेन पर वर्ष 2009-10 में इस जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया था.
लेकिन इसको लेकर कहीं कोई शिकायत दर्ज नहीं है.
अप्रैल 2023 में ईडी ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की
और कुछ लोगों के बयान के आधार पर बता दिया कि यह जमीन हेमंत सोरेन की है.
ईडी के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि हेमंत सोरेन ने इस जमीन पर कब, कहां और किस तरह से कब्जा किया. यह पूरा मामला सियासी प्रतिशोध का है.
दूसरी ओर ईडी की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सोरेन की जमानत याचिका का विरोध किया.
उन्होंने कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का अवैध कब्जा है.
हो सकता है कि इस जमीन के कागजात में हेमंत सोरेन का नाम दर्ज न हो,
लेकिन जमीन पर अवैध कब्जा पीएमएलए के तहत अपराध है.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत दे दी.