Anti-Love Jihad bill: यूपी में लव जिहाद विरोधी बिल अब और सख्त;हो सकती है उम्रकैद तक की सजा

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Anti Love Jihad bill

Anti Love Jihad bill: लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम, 2024 पारित हो गया.

Anti Love Jihad bill:संशोधित अधिनियम में छल कपट या जबर्दस्‍ती कराये गये धर्मांतरण के मामलों में कानून को पहले से सख्त बनाते हुए अधिकतम आजीवन कारावास या पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है.

उप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे की ओर से जारी मंगलवार की कार्यसूची में प्रस्ताव किया गया है कि आज इस संशोधित विधेयक को पारित करने के लिए विचार होगा.

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्‍ना ने सदन में पहले दिन सोमवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम, 2024 को सदन में पुरःस्थापित किया था.

संशोधित प्रावधान के तहत अब कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण के मामलों में एफआईआर दर्ज करा सकता है.

संशोधित प्रावधान के तहत अब कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण के मामलों में एफआईआर दर्ज करा सकता है.

पहले मामले में सूचना या शिकायत देने के लिए पीड़ित, माता-पिता,

भाई-बहन की मौजूदगी जरूरी होती थी, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है.

अब कोई भी व्यक्ति लिखित में पुलिस को इसकी सूचना दे सकता है.

प्रस्ताव किया गया है कि ऐसे मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय से नीचे की कोई अदालत नहीं करेगी

और इसके साथ ही सरकारी वकील को मौका दिए बिना जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा.

साथ ही इसमें सभी अपराधों को गैर-जमानती बनाया गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘लव जिहाद’ पर अंकुश लगाने के इरादे से यह पहल की थी, जो हिंदू संगठनों द्वारा कथित जबरन धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है.

नवंबर 2020 में इसके लिए अध्यादेश जारी किया गया था और बाद में उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों से विधेयक पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 लागू हो गया.

इसमें विदेशी संस्थाओं या किसी भी अवैध संस्था से हुई फंडिंग भी शामिल है.

अगर कोई धर्म बदलावाने की नीयत से किसी व्यक्ति को जीवन या संपत्ति के भय में डालता है,

हमला, बल प्रयोग या शादी करने का वादा करता है

या इसके लिए षड्यंत्र करता है तो उसे आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी भरना होगा.

विधेयक में एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था.

इस विधेयक के तहत सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अमान्य होगा.

झूठ बोलकर, धोखा देकर धर्म परिवर्तन को अपराध माना जाएगा.

स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के मामले में दो महीने पहले मजिस्ट्रेट को बताना होगा.

विधेयक के मुताबिक जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है.

अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है

तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है.

विधेयक में बताया गया है कि धर्म परिवर्तन के इच्छुक लोगों को निर्धारित प्रारुप पर जिलाधिकारी को 2 महीने पहले सूचना देनी होगी,

इसका उल्लंघन किए जाने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा

और जुर्माने की राशि 10 हजार रुपये से कम की नहीं होने का प्रावधान है.

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