Kolkata Rape Case: मुझे पद की नहीं आपकी चिंता है: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

0
43
Kolkata Rape Case

Kolkata Rape Case: कोलकाता में प्रदर्शन पर बैठे अड़े जूनियर डॉक्टर्स के बीच शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंचीं.

उन्होंने इस दौरान डॉक्टर्स को काम पर वापस लौटने के लिए मनाने के लिए इमोश्नल दांव भी चला.

टीएमसी चीफ ने कहा कि वह डॉक्टर्स के साथ हैं.

Kolkata Rape Case:’साल्ट लेक में स्वास्थ्य विभाग के बाहर धरना मंच पर पहुंचीं बंगाल सीएम ने “वी वांट जस्टिस” के नारों के बीच कहा,” मैं आपका (डॉक्टर्स) दर्द समझती हूं, इसलिए मैं आपके साथ हूं.

मुझे सीएम पद की चिंता नही हैं. छात्र जीवन में मैंने भी बहुत आंदोलन किया है.

हमें आपकी सुरक्षा की चिंता है.”

मैं CBI से दोषियों को फांसी की सजा की मांग करती हूं- CM ममता

ममता बनर्जी के मुताबिक, “आप लोगों के सड़क पर होने की वजह से मैं भी रातों को सो नहीं सकी हूं.

पहरेदार के तौर पर मुझे जागना पड़ा है.

अगर आप लोग काम पर लौट आएं तो मैं वादा करती हूं कि आपकी सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करूंगी.

सबके साथ बातचीत होगी और दोषियों को सजा मिलेगी.

यह भी पढ़ें:क्यों फेल हो गई ममता के साथ डॉक्टरों की मीटिंग? ममता ने की इस्तीफे की पेशकश

मैं सीबीआई से दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग करती हूं.”

बंगाल सीएम धरनास्थल पर ऐसे समय पर पहुंची हैं,

जब साल्ट लेक में स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर के बाहर जूनियर डॉक्टर्स का प्रदर्शन पांचवें दिन (मूसलाधार बारिश के बावजूद) भी जारी रहा.

शनिवार (14 सितंबर, 2024) को प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स में अनिकेत महतो ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, “मृतका को जब तक न्याय नहीं मिल जाता

और हमारी अन्य मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक बारिश, गर्मी,

भूकंप भी हमारे प्रदर्शन को रोक नहीं पाएंगे.

हम यहां एक नेक उद्देश्य के लिए आए हैं

और कोई भी ताकत हमें इसे पाने से नहीं रोक पाएगी.”

सौम्या चक्रवर्ती नाम के दूसरे डॉक्टर ने इस दौरान कहा,

“अगर कोई सोचता है कि हम अड़ियल और जिद्दी हैं तो यह बिल्कुल गलत बात है,

उनके दिमाग में जरूर कुछ चल रहा है.

हम चिकित्सक हैं, नेता नहीं. यहां कोई राजनीति नहीं है.

यह स्वास्थ्य व्यवस्था को साफ करने की सिर्फ एक मांग है.’’

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आस-पास लागू निषेधाज्ञा की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है.

अफसरों के अनुसार, निषेधाज्ञा पहली बार 18 अगस्त को लागू की गई थी,

जबकि इन आदेशों के तहत निर्दिष्ट क्षेत्र में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है.

दरअसल, नौ अगस्त 2024 को पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल से महिला प्रशिक्षु चिकित्सक की लाश मिली थी.

आरोप है कि उसके साथ बलात्कार किया गया और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया गया.

Follow us on Facebook

Follow us on YouTube

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here