Lawrence Bishnoi: अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई ऐसा डॉन है, जो केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों की भी सुपारी ले लेता है.
कहा जाता है कि ये जेल से ही बैठकर अपनी हुकूमत चलाता है.
ये साल 2012 में पहली बार जेल गया था.
इसके बाद कई ठिकाने बदलते हुए ये दिल्ली की तिहाड़ जेल पहुंचा.
इसी बीच गुजरात एटीएस ने साल 2022 में कच्छ के जखौ के पास
समुद्र से 38.9 किलोग्राम की मात्रा में ड्रग्स जब्त किया.
इसकी जांच और सबूतो से पता चला कि ये ड्रग्स की खेप लॉरेंस बिश्नोई को जा रही थी.
इसके बाद गुजरात एटीएस ने ट्रांसफर वारंट के आधार पर 2023 में दिल्ली की तिहाड़ जेल से लॉरेंस को अपने कब्जे में ले लिया.
गुजरात एटीएस ने इस मामले में रिमांड समेत सभी कानूनी प्रक्रिया को पूरी करने के बाद
मई-2023 में उसे साबरमती जेल में हाई सिक्योरिटी जोन में रखा.
Lawrence Bishnoi:लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल साबरमती जेल की सबसे ज्यादा सिक्योरिटी वाली अंडा सेल में बंद है, जहां कोई उससे मिलने नहीं जा सकता.
इस सेल में उसे सिर्फ नाश्ता और दोपहर का खाना दिया जाता है.
इस सेल के कड़ी सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं,
इतना ही नहीं इसके साथ ही जेल का प्रशासन भी लॉरेंस के सेल की दिन में चार बार तलाशी लेता है.
आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 268 के तहत,
लॉरेंस की किसी तक पहुंच नहीं हो सकती है.
उससे पूछताछ करने के लिए भी केंद्र सरकार से स्पेशल परमिशन की जरूरत होती है.
इसका मतलब ये है कि बिश्नोई के आस-पास कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता.
लॉरेंस बड़े आयोजन से पहले मौन व्रत लेता है,
सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई अपने गैंग की मदद से किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले मौन व्रत ले लेता है.
इन दिनों नवरात्रि के दौरान भी लॉरेंस ने जेल में मौन व्रत ले रखा है.
यहां तक कि जब पहले उसे एक गिरोह ने मारा था, तब भी वह चुप रहा था, क्योंकि उस समय वो मौन व्रत पर था.
लॉरेंस बिश्नोई हनुमान भक्त और धार्मिक स्वभाव वाला है.
जेल सूत्रों की मानें तो वह दिनभर में ज्यादा भोजन नहीं करता है.
यहां तक की अपने आहार में भी वो मुख्य तौर पर फल ही खाता है.