Former PM Atal Bihari Vajpayee की अंतिम यात्रा पीएम मोदी और बीजेपी के तमाम बड़े नेता
नई दिल्ली:LNN:Former PM Atal Bihari Vajpayee का पार्थिव शरीर अंतिम यात्रा स्मृति स्थल पहुंची.
Former PM Atal Bihari Vajpayee की अंतिम यात्रा सेना की एक विशेष गाड़ी पर निकाली गई .
Former PM Atal Bihari Vajpayee की अंतिम यात्रा तीनों सेनाओं की एक संयुक्त टुकड़ी उनके पार्थिव शरीर को लेकर निकली.
Former PM Atal Bihari Vajpayee की अंतिम यात्रा बीजेपी मुख्यालय पर अंतिम दर्शनों के बाद अब यात्रा स्मृति स्थल पहुंची.
अटल के पार्थिव शरीर के ठीक पीछे पीएम मोदी और बीजेपी के तमाम बड़े नेता चल है.
Delhi CM Arvind Kejriwal, Delhi Deputy CM Manish Sisodia, Chhattisgarh CM Raman Singh, Congress leaders Ghulam Nabi Azad, Anand Sharma, Ashok Gehlot and Raj Babbar, at Smriti Sthal for the funeral of former PM #AtalBihariVajpayee pic.twitter.com/9Lvhfxj2ap
— ANI (@ANI) August 17, 2018
सड़क के दोनों तरफ लोगों का हुजूम है. हजारों की भीड़ पार्थिव शरीर के साथ चल रही है.
Former PM Atal Bihari Vajpayee के पार्थिव शरीर के साथ अपार जनसमूह लगातार राष्ट्रीय स्मृति स्थल की ओर लगातार बढ़ रहा है.
Delhi: Former Prime Minister Manmohan Singh and Congress President Rahul Gandhi arrive at Smriti Sthal for the funeral of former PM #AtalBihariVajpayee pic.twitter.com/lw1jtCx3DF
— ANI (@ANI) August 17, 2018
अंतिम यात्रा पर निकले Former PM Atal Bihari Vajpayee के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हुई .
Former PM Atal Bihari Vajpayee अपनी अंतिम यात्रा पर निकल गए हैं तो आडवाणी के मन में क्या चल रहा होगा?
जबतक आडवाणी नहीं बताएंगे तबतक कुछ जानना मुमकिन नहीं.
लेकिन भीड़ में तन्हा दिख रही आडवाणी की इस तस्वीर और उनकी आंखों को देखिए तो अनकही कहानी खुद-ब-खुद बयां हो जाएगी.
गुरुवार को जब भारतीय राजनीति का Former PM Atal Bihari Vajpayee अध्याय समाप्त हुआ.
आडवाणी ने कहा कि हमारा साथ 65 सालों से अधिक का था,
आज मेरे पास इस दुख को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं.
शब्द होंगे भी कहां से? 65 सालों में न जाने कितने करोड़ शब्द दोनों ने एक दूसरे से कहे होंगे.
साथ जब छूटता है तो भाषाएं मौन हो ही जाती हैं.
Former PM Atal Bihari Vajpayee की मौत आडवाणी के लिए निजी क्षति है
कई सालों से जब अटल अपनी बीमारी की वजह से सार्वजनिक जीवन से बाहर हो गए तो उनके घर जाकर लगातार मिलने वालों में दो ही नाम प्रमुख थे.
ये दो नाम थे आडवाणी और राजनाथ.
इन मुलाकातों के दौरान आडवाणी घंटों अटल के सामने बैठे रहते थे.
Former PM Atal Bihari Vajpayee को बोलने में दिक्कत थी पर आडवाणी को कोई परेशानी नहीं होती होगी
क्योंकि 65 सालों के साथ में तो आदमी एक दूसरे के मौन का मतलब भी समझने लगता होगा शायद.
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1952 में पहली बार Former PM Atal Bihari Vajpayee और आडवाणी मिले थे.
यह मुलाकात ट्रेन में हुई थी अटल जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ राजस्थान के कोटा से गुजर रहे थे.
आडवाणी कोटा में संघ के प्रचारक थे.
ट्रेन में मुखर्जी ने आडवाणी की मुलाकात अटल से करवाई थी.
इसके बाद दोनों ने 6 दशकों से अधिक समय तक जिंदगी की रेल का सफर साथ पूरा किया.
65 सालों के साथ का मतलब समझते हैं आप?
भारतीयों की औसत आयु (68.8 साल) से बस 3 साल कुछ महीने कम.
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आज आडवाणी का वह साथी उनका साथ छोड़ गया है.
जब उनके आवास से पार्थिव शरीर ले जाया जाने लगा तो पीछे भीड़ ने ‘जब-तक सूरज चांद रहेगा, अटल जी का नाम रहेगा’,
‘Former PM Atal Bihari Vajpayee अमर रहें’ और वंदेमातरम के नारे लगाए.
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