Kulbhushan Jadhav: भारत ने कहा- पाक ने दुष्प्रचार के लिए ICJ का इस्तेमाल किया

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Kulbhushan Jadhav को जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाने के मामले पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में चार दिवसीय सुनवाई शुरू

द हेग:LNN:Kulbhushan Jadhav को जासूसी के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाने के मामले की अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में चार दिवसीय सार्वजनिक सुनवाई सोमवार को शुरू हुई.

सुनवाई में भारत ने पाकिस्तान पर आईसीजे का दुष्प्रचार के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.

सुनवाई के पहले दिन भारत ने दो मूल मुद्दों के आधार पर अपना पक्ष रखा जिसमें राजनयिक संपर्क पर वियना संधि का उल्लंघन शामिल है.

भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पूर्व सॉलीसिटर जनरल हरीश साल्वे ने कहा, ‘‘यह ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण मामला है

जहां एक निर्दोष भारतीय की जिंदगी दांव पर है.”

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान का पक्ष पूरी तरह से जुमलों पर आधारित है, तथ्यों पर नहीं.”

साल्वे ने कहा कि राजनयिक संपर्क के बिना जाधव को निरंतर हिरासत में रखने को गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं कि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल दुष्प्रचार के लिए कर रहा है.

पाकिस्तान को बिना देरी राजनयिक संपर्क की अनुमति देनी चाहिए थी.”

उन्होंने कहा कि भारत ने Kulbhushan Jadhav को राजनयिक से मिलने देने के लिए पाकिस्तान को 13 रिमाइंडर भेजे हैं.

इस्लामाबाद ने अब तक इसकी अनुमति नहीं दी है.

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने तीन मार्च 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से जाधव को उस समय गिरफ्तार किया था

जब वह कथित रूप से ईरान से घुसा था.

भारत का कहना है कि Kulbhushan Jadhav का ईरान से अपहरण किया गया जहां उनके नौसेना से सेवानिवृत्ति के बाद कारोबारी हित थे.

Kulbhushan Jadhav की सजा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.

 

आईसीजे में कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान की तरफ से पैरवी कर रहे एड-हॉक जज तसद्दुक हुसैन गिलानी को दिल का दौरा पड़ा है.

69 वर्षीय गिलानी को इस्लामाबाद के अस्पताल में दाखिल कराया गया है.

पाक मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी हालत अभी स्थिर है.

आईसीजे के अनुच्छेद 31 के तहत व्यवस्था की गई है कि अगर किसी केस में पैरवी कर रहे,

देश की राष्ट्रीयता का कोई जज कोर्ट की बेंच में नहीं है.

तो वह किसी व्यक्ति का चुनाव एड-हॅक जज के तौर पर कर सकता है.

पाक सैनिकों ने कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान प्रांत से पकड़ा था.

उन पर अफगानिस्तान में जासूसी के आरोप लगाए गए और मिलिट्री कोर्ट ने 10 अप्रैल 2017 को उन्हें सजा-ए-मौत सुनाई थी.

इस पर रोक लगवाने के लिए भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद कोर्ट ने 2017 में जाधव को सजा पर रोक लगाई थी.

पाकिस्तान ने कहा है कि वह कुलभूषण की सजा को नहीं बदलेगा

सुनवाई के दौरान साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी के करीब एक महीने बाद प्राथमिकी दर्ज की थी.

साल्वे ने कहा, ‘‘अप्रैल 2016 में जाधव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और मई 2016 में जाधव से पूछताछ हुई.

भारत ने मई, जून और जुलाई में राजनयिक संपर्क के लिए रिमाइंडर भेजे.”

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने पाकिस्तान को राजनयिक संपर्क की अनुमति के लिए 13 रिमाइंडर भेजे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

” साल्वे ने कहा, ‘‘पाकिस्तान जाधव के खिलाफ आरोपों के खुलासे को लेकर शर्मिंदा है.”

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने Kulbhushan Jadhav को उसके अधिकार नहीं बताए.

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