Sp Bsp alliance ने कैंपेन को बहुत हाई-प्रोफाइल तरीके से नहीं चलाया और विज्ञापन की बजाय रैलियों और लोगों से संपर्क की रणनीति पर भरोसा किया.
लखनऊ:LNN:Sp Bsp alliance को लेकर तमाम तरह की आशंकाएं जताई हों,
लेकिन दोनों दलों के नेताओं ने करीब डेढ़ महीने के लंबे कैंपेन को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म किया है.
दोनों दलों के नेताओं के बीच पसोपेश की स्थिति देखने को नहीं मिली.
कार्यकर्ताओं के बीच भी कमोबेश सामंजस्य नजर आया है.
ये भी पढ़ें:akhilesh yadav targets CM योगी आदित्यनाथ
हालांकि दोनों दलों ने कैंपेन को बहुत हाई-प्रोफाइल तरीके से नहीं चलाया.
विज्ञापन की बजाय रैलियों और लोगों से संपर्क की रणनीति पर भरोसा किया.
बीते चुनावों की तरह समाजवादी पार्टी ने ‘मन से हैं मुलायम’ और ‘उम्मीद की साइकिल’ जैसे स्लोगन के साथ सोशल मीडिया पर भी कोई कैंपेन नहीं छेड़ा.
Sp Bsp alliance चुनाव में अखिलेश यादव भी मायावती के पदचिह्नों पर चलते दिखे और सोशल मीडिया पर कैंपेन से दूरी रखी.
मायावती की पार्टी बीएसपी ने कभी सोशल मीडिया पर ऐड जारी नहीं किया.
बीएसपी पीपल-टु-पीपल कनेक्ट और रैलियों से लोगों तक बात पहुंचाने की रणनीति पर चलती रही है.
यदि महागठबंधन के नेताओं की 20 साझा रैलियों को छोड़ दें तो बीएसपी, एसपी और आऱएलडी का प्रचार लो-प्रोफाइल रहा.
तीनों में से किसी भी दल ने बड़े होर्डिंग्स और कटआउट्स पर यकीन नहीं किया.
ये भी पढ़ें:CM Mamata Banerjee ने कहा अमित शाह से डरा हुआ है चुनाव आयोग
पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा, ‘हमने अपनी रणनीति के तहत सोशल मीडिया कैंपेन से दूरी बनाई.’
समाजवादी पार्टी ने टेलिविजन और केबल नेटवर्क्स के लिए भी कोई कैंपेन नहीं जारी किया.
एसपी प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने साधारण सी रणनीति अपनाई.
सबसे पहले तो हमने बीजेपी सरकार की असफलता की बात की.
हमने एसपी और बीएसपी की सरकारों के दौरान चलाई गई स्कीमों के बारे में लोगों को बताया.
तीनों में से किसी भी दल ने बड़े होर्डिंग्स और कटआउट्स पर यकीन नहीं किया.