Karan Deol ने बताया कि एक स्टार किड होने की वजह से उन्हें न केवल शर्मिंदा होना पड़ा, बल्कि लोग उनका काफी मजाक बनाते थे
नई दिल्ली:LNN:Karan Deol फिल्म ‘पल पल दिल के पास’ के जरिए बॉलीवुड में डेब्यू करने की तैयारी कर रहे हैं.
सनी देओल के बेटे करण देओल इस फिल्म में वह एक्ट्रेस सहर बाम्बा के साथ नजर आने वाले हैं.
यह भी पढ़ें:Shatrughan sinha ने कहा पीएम मोदी का लाल किले से भाषण साहसिक
ऐसे में फिल्म की रिलीज से पहले Karan Deol इसके प्रमोशन में लगे हुए हैं, जिस दौरान उन्होंने मीडिया को इंटरव्यू भी दिया
इंटरव्यू के दौरान Karan Deol ने बचपन की यादें शेयर कीं, इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एक स्टार किड होने का दूसरा पहलू क्या है?
Karan Deol ने बताया कि एक स्टार किड होने की वजह से उन्हें न केवल शर्मिंदा होना पड़ा, बल्कि लोग उनका काफी मजाक भी बनाते थे.
इंटरव्यू में अपने बचपन का एक किस्सा शेयर करते हुए Karan Deol कहा, “यह मेरे स्कूल की पहली याद है, जब मैं पहली कक्षा में था.
मैंने स्कूल में आयोजित हुए स्पोर्ट्स कॉम्पिटीशन में रेस में हिस्सा लिया था.
मैं वहां खड़ा ही हुआ था, तभी अचानक कुछ बच्चे मेरे आसपास आकर खड़े हो गए.
उनमें से एक ने मुझे उठाया और सबके सामने ही नीचे फेंक दिया.
इसके बाद उन्होंने मुझसे पूछा “क्या तुम सच में सनी देओल के बेटे हो?
तुम तो लड़ाई भी नहीं कर सकते.” इस बात को लेकर मैं बहुत शर्मिंदा हुआ था.”
Karan Deol ने आगे कहा, “केवल इतना ही नहीं, कई बच्चे तो मेरा मजाक भी बनाते थे, यहां तक कि टीचर्स भी ऐसे ही व्यवहार करते थे
एक बार जब मैने अपना असाइनमेंट ठीक नहीं बनाया था तो कक्षा के बीच ही एक अध्यापक मेरे पास आए.
उन्होंने मुझसे कहा, “तुम अपने पिता के पैसे उड़ाने के ही काबिल हो और कुछ नहीं.”
इस बात ने मुझे झकझोर कर रख दिया था.” इन घटनाओं के बावजूद मेरी मम्मी ने मेरा काफी साथ दिया.
यह समय मेरे लिए मुश्किल जरूर था, लेकिन मुझे अपने लिए खड़ा होना था, और पीछे हटने के बजाय जवाब देना सीखना है.
इंटरव्यू में करण देओल (Karan Deol) ने अपने जिंदगी के टर्निंग पॉइंट के बारे में भी बताया
उन्होंने कहा, “मेरे स्कूल में टैलेंट प्रतियोगिता थी और मैंने इसमें भाग लेने का निर्णय किया.
यह भी पढ़ें:Ram Gopal Varma ने एक पोर्न विडियो भेज कर पूछा फिल्म है, काम करोगी?
मैंने सोचा कि यही समय है जब मैं अपने आप को साबित कर सकता हूं.
मैंने एक रैप तैयार करने के लिए रात भर मेहनत की, क्योंकि यही एक ऐसी चीज थी, जिसमें मैं काफी अच्छा था.
प्रतियोगिता के दिन मैं स्टेज पर गया और सबकी निगाहें मेरे ऊपर टिकी हुई थीं.
उस समय मैंने गहरी सांस ली और दिल से परफॉर्म किया. मेरी यह परफॉर्मेंस ऑडियंस को भी खूब पसंद आई.
उस समय मैं बिल्कुल आजाद महसूस कर रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे मैं जंजीरों से मुक्त हो गया हूं.
समय को बदलने में थोड़ा वक्त जरूर लगता है.
आप दूसरों की बनाई चीजों में फिट होने के लिए नहीं, बल्कि अपनी पहचान बनाने के लिए जन्मे हो.