Chidambaram को सीबीआई की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मामले में 19 सितंबर तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया है. उन्होंने जमानत अर्जी दी थी, जो नामंज़ूर हो गई है.
नई दिल्ली:LNN: chidambaram की जेल में अलग सेल, खाट और अलग बाथरूम की मांगें मंज़ूर कर ली गई हैं , पी. चिदंबरम को तिहाड़ के जेल नंबर 7 में रखा जाएगा.
इससे पहले पी चिदंबरम को सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया.
उनके वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने सरेंडर के लिए तैयार हैं.
कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए.
कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा, ‘जहां तक सीबीआई की बात है तो chidambaram को न्यायिक हिरासत में क्यों भेजा जाना चाहिए?
उन्होंने (सीबीआई) सभी सवाल पूछ लिए हैं.
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मेरे मुवक्किल ईडी की कस्टडी में जाना चाहते हैं. उन्हें न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि चिदंबरम पर जांच को प्रभावित करने या उसमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने का कोई आरोप नहीं है.
सीबीआई की तरफ से तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी कहा है कि यह बड़ा मामला है.
#WATCH Delhi: P Chidambaram waves as he is being taken in a Police bus to Tihar Jail. The Court has remanded him to judicial custody till September 19 in CBI case in INX media matter pic.twitter.com/Z9bki5zYIv
— ANI (@ANI) September 5, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने भी हमारी दलील मानी है कि चिदंबरम सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.
हमने कई देशों में लेटर रोगेटरी भेजे हैं. यूके, यूएसए समेत पांच देशों में हमने लेटर रोगेटरी भेजे हैं.
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विदेशी खातों में जमा पैसों में छेड़छाड़ किया जा सकता है.
आर्थिक अपराध एक अलग श्रेणी का अपराध है, यह बात सुप्रीम कोर्ट ने भी कही है. आर्थिक अपराध देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करते हैं.
तुषार मेहता ने कहा कि मैं कोर्ट के सामने बताना चाहता हूं कि गवाह हैं,
जिन्हें ये आसानी से प्रभावित कर सकते हैं, पर हम कोर्ट में उस गवाह का नाम नहीं ले सकते.
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बता दें कि मामला आईएनएक्स मीडिया (INX Media) घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले से संबंधित है.
मामले में सीबीआई हिरासत की दो दिन की अवधि खत्म होने के बाद चिदंबरम को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि वित्त मंत्री रहते विदेशी निवेश को मंज़ूरी दी गई
CBI ने इस मामले में उनके बेटे कार्ति को गिरफ़्तार किया था और फ़िलहाल ज़मानत पर हैं.
कार्ति पर 2007 में आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के लिए पैसे लेने का आरोप है.
उस वक्त उनके पिता यूपीए सरकार में वित्तमंत्री थे.
सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी.
सीबीआई का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी दिलाने में अनियमितताएं बरती गईं और 305 करोड़ रुपये विदेशी निवेश हासिल किया गया.
सीबीआई ने शुरू में आरोप लगाया था कि एफआईपीबी मंजूरी को सुविधाजनक बनाने के लिए कार्ति को रिश्वत के रूप में 10 लाख रुपये मिले थे.
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय मामले की जांच कर रही है.