Chowkidar Chor Hai राहुल गांधी के बयान पर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है.इसमें सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की माफी स्वीकार करके उन्हें राहत दे दी है.
नई दिल्ली:LNN:’चौकीदार चोर है’ वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर राफेल डील की जांच की मांग वाली रिव्यू पिटिशन खारिज करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नसीहत दी है.
कोर्ट ने राहुल गांधी की माफी को स्वीकार करते हुए अवमानना याचिका तो खारिज कर दी, पर यह भी कहा कि वह भविष्य में ऐसी बयानबाजी से बचें.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और जाने-माने वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायालय का आभार जताया.
उन्होंने कहा कि कई बार हमारी जुबान से ऐसे शब्द फिसल जाते हैं,
लेकिन उद्देश्य अवमानना का नहीं होता.
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’
बयान को सुप्रीम कोर्ट से जोड़ने पर अवमानना याचिका दाखिल की थी.
दरअसल, राफेल मामले में मोदी सरकार पर हमला करने के लिए राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर टिप्पणी की थी.
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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने,
राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिए लंबित इस मामले पर 10 मई को सुनवाई पूरी की थी.
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आज गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘मिस्टर राहुल गांधी को भविष्य में संभलकर बोलने की जरूरत है.’
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को नसीहत दी कि भविष्य में कोर्ट से जुड़े किसी भी मामले में किसी भी प्रकार का राजनीतिक भाषण देने में सतर्कता बरतें.
राहुल गांधी उस वक्त कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे.
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उन्होंने पीठ से कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंधित अपनी टिप्पणी गलत तरीके से शीर्ष अदालत के हवाले से कहने पर,
वह पहले ही बिना शर्त माफी मांग चुके हैं.
राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ से कहा था कि कांग्रेस नेता ने शीर्ष अदालत के हवाले से गलत तरीके से यह टिप्पणी करने के लिए खेद व्यक्त कर दिया है.
हालांकि, बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि राहुल की क्षमा याचना अस्वीकार की जानी चाहिए,
और उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए.
रोहतगी ने दलील दी थी कि न्यायालय को राहुल गांधी को अपनी टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहना चाहिए.
राहुल गांधी ने आठ मई को राफेल फैसले में ‘चौकीदार चोर है’,
की टिप्पणी शीर्ष अदालत के हवाले से कहने के लिए पीठ से बिना शर्त माफी मांग ली थी.
10 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए,
राफेल मामले में रिव्यू पिटिशन पर नए दस्तावेज के आधार
पर सुनवाई का फैसला किया था.
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सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने एक मत से दिए फैसले में कहा था कि जो नए दस्तावेज डोमेन में आए हैं,
उन आधारों पर मामले में रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई होगी.
राहुल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा था कि अब सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है कि चौकीदार चोर है.
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राहुल ने कहा था, ‘सुप्रीम कोर्ट ने क्लियर कर दिया है कि चौकीदार जी ने चोरी करवाई है.
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राफेल मामले में कोई न कोई करप्शन हुआ, कोई न कोई भ्रष्टाचार हुआ है.’