Citizenship Act के मामले में राज्यों को ना कहने का अधिकार नहीं है.गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक नागरिकता का मुद्दा संघ की सूची में आता है और ये केंद्र के तहत है.केरल के मुख्यमंत्री पी विजनय ने
नई दिल्ली:LNN:Citizenship Act राष्ट्रपति के दस्तख़त के साथ ही अस्तित्व में आ गया है.
लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद अब पंजाब और केरल के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने-अपने राज्यों में नागरिकता क़ानून लागू न करने का ऐलान किया है.
साथ ही महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने भी इसे लागू नहीं करने को लेकर संकेत दिए हैं.
उधर, गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक राज्यों को Citizenship Act के मामले में ना कहने का अधिकार नहीं है.
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सूत्रों ने बताया कि Citizenship Act संघ की सूची में आता है और ये केंद्र के तहत है.
केरल के मुख्यमंत्री पी विजनय ने इस क़ानून को देश के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ढांचे के ख़िलाफ़ बताया है.
उन्होंने कहा कि ऐसे असंवैधानिक क़ानून के लिए उनके राज्य में कोई जगह नहीं है.
कांग्रेस इस बिल को महाराष्ट्र में किसी भी हाल में लागू नहीं देना चाहती हैं.
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और विधायक इसी सिलसिले में शनिवार को कांग्रेस आलाकमान से दिल्ली में मिलेंगे
और मांग करेंगे की सीएम उद्धव ठाकरे से बात कर इस कानून को महाराष्ट्र में लागू ना होने दें.
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा कि इस मुद्दे पर हमारा रुख स्पष्ट है.
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हमने इसका विरोध किया था. आगे भी जारी रखेंगे.
उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल पर पार्टी नेतृत्व की भूमिका स्पष्ट है.