उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सोमवार को भड़की हिंसा में 50 से ज्यादा लोग घायल
घायलों में डीसीपी शाहदरा सहित 8 पुलिस वाले भी, अस्पतालों में चल रहा इलाज
नई दिल्ली:LNN: दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में सोमवार को सीएए समर्थक और विरोधी गुटों में हुए हिंसक टकराव में हेड कॉन्स्टेबल और तीन आम नागरिक की मौत के बाद गृह मंत्रालय में देर शाम सचिव स्तर की बैठक हुई, जिसमें दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई.
गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी. खुद गृह मंत्री अमित शाह अब हालात की निगरानी कर रहे हैं.
कई सुरक्षाकर्मियों समेत कम से कम 50 लोग झड़प में घायल हुए हैं.
शाहदरा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अमित शर्मा और एसीपी (गोकलपुरी) अनुज कुमार समेत कम से कम 11 पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को काबू करने के दौरान घायल हो गए.
सीआरपीएफ के दो कर्मी भी इस दौरान घायल हो गए.
हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मकानों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोल पंप में आग लगा दी और पथराव किया.
गृह राज्यमंत्री रेड्डी ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को दिल्ली के सभी संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स के साथ खुफिया टीमों को अलर्ट मोड में रखने का निर्देश दिया है.
उन्होंने राजधानी में हो रही हिंसक घटनाओं पर मीडिया से बातचीत में कहा कि जानबूझकर लोगों को उकसाने की कोशिश हो रही है.
लोकतांत्रिक तरीके से लोगों को अपनी भावनाओं को जाहिर करना चाहिए.
विरोध के नाम पर पत्थरबाजी, आगजनी और पुलिसवाले की हत्या करना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है.
सरकार उसको बर्दाश्त नहीं करेगी। गृह मंत्रालय हालात पर नजर रखे हुए है. ट्रंप के दौरे के समय देश की छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है.
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उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में शुरू हुए उपद्रव को तुरंत काबू में करने के लिए उच्चस्तरीय मंथन शुरू हो गया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह a ने तमाम आला अधिकारियों को आपात बैठक में तलब किया.
केंद्रीय गृह सचिव ए.के. भल्ला ने भी हालात पर कड़ी नजर रखे होने की बात कही है,
उन्होंने हर हाल में शांति कायम करने के लिए की गई सभी जरूरी व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जताई.
गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री Amit Shah अहमदाबाद पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनके परिवार के स्वागत समारोह में व्यस्त थे.
उन्हें दिल्ली के जाफराबाद, भजनपुरा, मौजपुर, दयालपुर, गोकुलपुरी इलाके में दंगे फैलने की खबर मिली.
चूंकि अमेरिकी राष्ट्रपति को सोमवार रात में दिल्ली में ठहरना है.
लिहाजा, राजधानी की छवि धूमिल होने से बचाने की जरूरत भी महसूस हुई.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में बिगड़े हालात को काबू करने की जिम्मेदारी खुद Amit Shah (अमित शाह) ने अपने हाथों में ले ली है.
उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानाकारी के मुताबिक, सोमवार को शाम ढलते केंद्रीय गृह मंत्री amit Shah ने एक आपात बैठक बुलाई.
बैठक में केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला सहित दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को सख्त हिदायत दी गई कि किसी भी तरह से जल्दी से जल्दी हालात पर काबू पाएं.
केंद्रीय गृह सचिव भल्ला ने देर शाम बताया, ‘उत्तर पूर्वी दिल्ली के हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है.
काफी हद तक स्थिति नियंत्रण में आ चुकी है.
पुलिस और अर्धसैनिक बलों को सतर्क रहने को कहा गया है.
साथ ही अगर जरूरत महसूस हुई तो केंद्र सरकार अन्य कड़े कदम उठाने से भी नहीं चूकेगी। हमारा मकसद हर हाल में शांति कायम करना है.’
दिल्ली के उन संवेदनशील स्थानों पर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की जा रही है जहां भीड़ के हिंसक होने की आशंका है.
मौजपुर, जाफराबाद, सीलमपुर, गौतमपुरी, भजनपुरा, चांद बाग, मुस्तफाबाद, वजीराबाद और शिव विहार जैसे संवेदनशील स्थानों पर पुलिस तैनात की गई है.
स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) सतीश गोलचा ने कहा कहा, ‘हम कानून और व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.
हम सभी से अनुरोध कर रहे हैं कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने में दिल्ली पुलिस का समर्थन करने के लिए आगे आएं.
हमारे अधिकारी शांति कायम करने के लिए पैदल मार्च और सभाएं कर रहे हैं.’
सूत्रों के मुताबिक, ‘केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर, करावल नगर और भजनपुरा-गोकुलपुरी में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस की भी अब नींद टूटी है.
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यह अलग बात है कि जब तक दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड़ में आई, तब तक उसका एक बेकसूर हवलदार रतन लाल भीड़ की भेंट चढ़ चुका था.’
इसके अलावा शाहदरा के डीसीपी अमित कुमार घायल हो गए.
हिंसा में मोहम्मद फुरकान नामक शख्स और 2 अन्य आम आदमी की भी जान चली गई है.
इस तरह कॉन्स्टेबल समेत 4 लोग भीड़ की भेंट चढ़ गए.