PM CARES कोविड-19 संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान की रकम नहीं मंगवाने की जगह पीएम केयर्स फंड के निर्माण के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT गठित करने की भी मांग की गई है
नई दिल्ली:LNN:PM CARES फंड कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बनाने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली PIL पर सुप्रीम कोर्ट पीएम केयर्स सोमवार को सुनवाई करेगा.
PM CARES फंड को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में अनुरोध किया गया है कि इस फंड की स्थापना के केंद्र के फैसले को रद्द कर दिया जाए.
केंद्र ने 28 मार्च को इस कोष की स्थापना की थी, इसका मकसद मौजूदा कोरोना वायरस संकट जैसी आपातकालीन स्थिति से निपटना,
और प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करना है.
प्रधानमंत्री इस कोष के पदेन अध्यक्ष हैं और रक्षा, गृह तथा वित्त मंत्री इसके पदेन न्यासी (ट्रस्टी) हैं.
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चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एमएम शांतनगौडर की पीठ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस जनहित याचिका की सुनवाई करेगी.
यह याचिका वकील एम एल शर्मा ने दायर की है.
जनहित याचिका में कहा गया है कि 28 मार्च को जब पीएम केयर्स फंड के संबंध में प्रेस रिलीज जारी हुई तभी इसके खिलाफ याचिका दायर करने करने की स्थिति पैदा हो गई.
PM CARES फंड को चुनौती देने वाली PIL में प्रधानमंत्री सहित फंड के सभी न्यासियों को पक्ष बनाया गया है.
याचिका में यह अनुरोध भी किया गया है कि इस कोष में मिली राशि भारत की संचित निधि में ट्रांसफर की जाए.
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इसकी अदालत की निगरानी में एसआईटी से कोष की स्थापना की जांच कराई जाए.