President Rule राष्ट्रपति शासन राजस्थान में लगाया जाए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा.
लखनऊ/जयपुर:LNN:President Rule लगाने की सिफारिश करनी चाहिए राज्यपाल को.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा ‘जैसा कि विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन किया.
बसपा के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब फोन टैप कराके इन्होंने एक गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती Mayawati बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने राजस्थान में सियासी घमासान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा,
President Rule लगाने की सिफारिश करनी चाहिए राज्यपाल कलराज मिश्र को.
बीएसपी प्रमुख ने आरोप लगाया कि सीएम गहलोत ने बीएसपी के साथ दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया.
जैसाकि विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।
— Mayawati (@Mayawati) July 18, 2020
उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री पर फोन टैपिंग (Phone Tapping) का भी आरोप लगाया है.
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बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा, ‘‘जैसा कि विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बसपा के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके,
पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और
अब जग-जाहिर तौर पर फोन टैप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है.”
मायावती ने अगले ट्वीट में कहा, ‘‘इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध,
आपसी उठापठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए,
ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो.’
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राजस्थान में जब अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार बनी थी तब बीएसपी के छह विधायक सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे थे.
इन विधायकों को कांग्रेस में शामिल करा लिया गया.
विधायकों ने सोनिया गांधी से मिलकर पार्टी की औपचारिक सदस्यता ले ली थी.
बीएसपी का मानना रहा कि कांग्रेस ने लालच-प्रलोभन देकर उसके विधायकों को तोड़ा है.
बीएसपी ने कांग्रेस के इस कदम की आलोचना की थी और पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अशोक गहलोत का इस्तीफा तक मांगा था.