National Task Force सुप्रीम कोर्ट ने गठित की, राज्यों में ऑक्सीजन के बंटवारे पर सिफारिश देगा

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National Task Force नेशनल टास्क फोर्स का कार्यकाल शुरू में छह महीने का होगा. केंद्र सरकार टास्क फोर्स को सभी जरूरी सहायता देगी. राज्य और अस्पताल भी उसे सहयोग देंगे.

नई दिल्ली:LNN: National Task Force 12-सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यबल का गठन अब सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को किया है.

नेशनल टास्क फोर्स का संयोजक, जो भी सदस्य होगा वह केंद्र सरकार का कैबिनेट सचिव होगा.

कैबिनेट सचिव अपने अलावा अतिरिक्त सचिव के पद से नीचे के अधिकारी को नामित नहीं कर सकते हैं.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टास्क फोर्स एक सप्ताह के भीतर काम करना शुरू करे.

कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर के दौरान देश के ज्यादातर राज्य ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं, जिसे लेकर अलग-अलग राज्यों के हाईकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

सरकार और सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपे. वह सरकार को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करे.

नेशनल टास्क फोर्स का कार्यकाल शुरू में छह महीने का होगा. केंद्र सरकार टास्क फोर्स को सभी जरूरी सहायता देगी. राज्य और अस्पताल भी उसे सहयोग देंगे.

National Task Force राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मेडिकल ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं (Oxygen and Medicines) की उपलब्धता और सप्लाई का आकलन और उनकी सिफारिश करेगी.

यह आदेश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिया है.

National Task Force पारदर्शी और पेशेवर आधार पर कोरोना महामारी की चुनौतियों का सामना करने के लिए इनपुट और रणनीति प्रदान करेगी

कोर्ट ने कहा है कि साथ ही वैज्ञानिक, तर्कसंगत और न्यायसंगत आधार पर राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए कार्यप्रणाली तैयार करेगी.

कोर्ट ने केंद्र सरकार से फिर कहा कि अगले आदेश तक दिल्ली को रोजाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान भी केंद्र सरकार को ये निर्देश दिया था कि वह दिल्ली को रोजाना 700MT ऑक्सीजन की सप्लाई तब तक जारी रखे, जब तक कि आदेश की समीक्षा नहीं की जाती है या कोई बदलाव नहीं होता.

देश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते खतरों के बीच आज पहली बार एक दिन में 4,187 मौतें दर्ज की गई हैं. देश में संक्रमण के नए मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं.

महाराष्ट्र में शुक्रवार को सबसे ज्यादा 54,022 नए मामले और 898 मौतें, वहीं कर्नाटक में 48,781 मामले और 592 मौतें दर्ज की गईं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश के 12 राज्यों में एक्टिव केस की संख्या एक लाख से ज्यादा है जबकि सात राज्यों में ये संख्या 50 हजार से 1 लाख के बीच है.

तेजी से बढ़ते मामलों की वजह से देश के हेल्थ सिस्टम पर बेहद दबाव बना हुआ है.

इसमें शामिल 10 सदस्य देश के जाने-माने डॉक्टर और दो सदस्य सरकार के प्रतिनिधि होंगे.

टास्क फोर्स में 12 सदस्य बनाए गए हैं. डॉ भबतोष विश्वास, पूर्व कुलपति, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, कोलकाता; डॉ देवेंद्र सिंह राणा, अध्यक्ष, प्रबंधन बोर्ड, सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली;

डॉ देवी प्रसाद शेट्टी, अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक, नारायण हेल्थकेयर, बेंगलुरु; डॉ गगनदीप कांग, प्रोफेसर, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, तमिलनाडु; डॉ जेवी पीटर, निदेशक, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, तमिलनाडु; डॉ नरेश त्रेहन, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, मेदांता अस्पताल शामिल हैं.

हार्ट इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम; डॉ राहुल पंडित, निदेशक, क्रिटिकल केयर मेडिसिन और आईसीयू, फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड और कल्याण (महाराष्ट्र); डॉ सौमित्र रावत सर्जिकल विभाग के अध्यक्ष और प्रमुख गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लीवर ट्रांसप्लांट, सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली;

डॉ शिव कुमार सरीन, वरिष्ठ प्रोफेसर और हेपेटोलॉजी विभाग के निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलीरी साइंस (ILBS), दिल्ली; डॉ जरीर एफ उदवाडिया, कंसल्टेंट चेस्ट फिजिशियन, हिंदुजा हॉस्पिटल, ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल और पारसी जनरल हॉस्पिटल, मुंबई; सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार (पदेन सदस्य) टास्क फोर्स के सदस्य बनाए गए हैं.

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