Income Tax Return Filing 2020-21 के लिये व्यक्तिगत आयकर रिटर्न जमा करने की समयसीमा दो महीने बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दी.
नई दिल्ली: Income Tax Return Filing सरकार ने बृहस्पतिवार को 2020-21 के लिये टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए व्यक्तिगत आयकर रिटर्न जमा करने की समय सीमा दो महीने बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दी.
देश में कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर करदाताओं (Taxpayers) को बड़ी राहत देते हुए,
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2020-21 (आयु 2021-22) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है.
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Income Tax Return Filing सीबीडीटी ने कंपनियों के लिये आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है.
आयकर कानून के अनुसार जिन व्यक्तियों के खातों का ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है,
और जो आमतौर पर आईटीआर-1 या आईटीआर-4 का उपयोग करके अपना आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं,
Income Tax Return आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई होती है.
वहीं कंपनियां या फर्म जैसे करदाताओं के लिए जिनके खातों का ऑडिट होना आवश्यक है, समयसीमा 31 अक्टूबर है.
Income Tax Return Filing सीबीडीटी ने एक परिपत्र में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए,
करदाताओं को राहत प्रदान करने के इरादे से कुछ कर अनुपालनों को लेकर समयसीमा बढ़ायी गयी है.
परिपत्र के अनुसार साथ ही, नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी करने की समयसीमा,
एक महीना बढ़ाकर 15 जुलाई, 2021 कर दी गयी है.
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कर ऑडिट रिपोर्ट और ट्रांसफर प्राइसिंग सर्टिफिकेट जमा करने की नियत तारीख एक महीने बढ़ाकर क्रमशः 31 अक्टूबर और 30 नवंबर कर दी गयी है.
देर से या संशोधित आयकर रिटर्न अब 31 जनवरी, 2022 तक दाखिल किये जा सकते हैं.
सीबीडीटी के अनुसार इसके अलावा,
वित्तीय संस्थानों के लिए वित्तीय लेनदेन विवरण (एसएफटी) रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा
31 मई, 2021 से बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है.
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नियोक्ताओं के लिए विभिन्न अनुपालनों के लिए नियत तारीखों का एक्सटेंशन,
टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख का विस्तार आज की स्थिति में जरूरी है
क्योंकि भारत में कई राज्यों में COVID-19 की दूसरी लहर चल रही है,”
“विभिन्न नियत तारीख में छूट उन व्यवसायों के लिए अनुपालन बोझ को कम करेगी जो मौजूदा संकट से जूझ रहे हैं.
यह इस बात पर भी जोर देता है कि व्यवसायों के लिए अपने कर अनुपालन को पूरी तरह से ऑनलाइन मूव करना कितना जरूरी है,” क्लियरटैक्स सीईओ ने कहा.