New Delhi : Naftali Bennett : इजरायल में 12 साल बाद सत्ता की डोर बेंजामिन नेतन्याहू के हाथ से निकलने जा रही है.
यामिना पार्टी के अध्यक्ष Naftali Bennett इजरायल में नई सरकार बनाएंगे.
इस पूरे घटनाक्रम पर दुनियाभर की निगाहें तो टिकी ही हैं, फिलिस्तीन को शायद यह देखने का सबसे ज्यादा इंतजार होगा कि सत्ता परिवर्तन से उसके हालात पर क्या असर पड़ता है.
खासकर तब जब देश के अंदर नए प्रधानमंत्री को लेकर फिलहाल बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं.
टाइम्स ऑफ इजरायल से दो सीनियर नेताओं ने कहा है कि उन्हें बहुत ज्यादा बदलाव होता नहीं दिख रहा है.
और ज्यादा कट्टर होंगे नए PM Naftali Bennett ?
फतब सेंट्रल कमिटी का हिस्सा रह चुके नासिर अल-किदवा के मुताबिक हो सकता है बेनेट और ज्यादा कट्टरपंथी ही साबित हों.
नासिर फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के आलोचक हैं.
येश यतीद चीफ यैर लापिद के साथ अभी तक के समझौते के मुताबिक बेनेट बारी-बारी से PM पद संभालेंगे.
इस बारे में अंतिम फैसला अभी किया जाना है.
लापिद के मुताबिक अभी नई सरकार बनने के रास्ते में कुछ दिक्कतें हैं.
फिलिस्तीन के लिए चिंता का सबब नफ्ताली?
रामल्ला में सीनियर नेता मुस्तफा बरगउती के मुताबिक नेतन्याहू के पद से हटने का एक फायदा यह हो सकता है
कि अब उनके खिलाफ चल रहे केस आगे बढ़ सकेंगे.
नेतन्याहू पर रिश्वत, धोखाधड़ी और विश्वास तोड़ने के आरोप हैं.
हालांकि, उनका कहना है कि बेनेट की सरकार उनके (फिलिस्तीन के) लिए चिंताजनक साबित हो सकती है क्योंकि वह शांति कायम करने में कामयाब नहीं होगी.
बेनेट ने रविवार को कहा था कि गठबंधन दल आपस में सीमित मुद्दों पर ही सहमति कायम कर सकते हैं
लेकिन वे न बातचीत बंद करेंगे और न अपना क्षेत्र किसी को दे देंगे.
विपक्ष की बनने वाली सरकार में अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियां शामिल हैं.
ऐसे में गजा पट्टी, फिलिस्तीन, हमास, ईरान, लेबनान, हिजबुल्लाह, अमेरिका जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर भी इन पार्टियों के विचार आपस में बंटे हुए हैं.
फिलिस्तीन के नेताओं का कहना है कि इस तरह फिलिस्तीन की समस्या से बचने का किसी को फायदा नहीं होगा.
इजरायल में 12 साल बाद सत्ता की डोर बेंजामिन नेतन्याहू के हाथ से निकलने जा रही है.
यामिना पार्टी के अध्यक्ष नफ्ताली बेनेट इजरायल में नई सरकार बनाएंगे.