Juhi Chawla’s petition खारिज 5जी केस में HC ने लगाया 20 लाख का जुर्माना

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Juhi Chawla’s petition में दावा किया गया था कि इन 5जी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर और पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है.

नई दिल्ली: Juhi Chawla’s petition दिल्‍ली हाईकोर्ट ने बॉलीवुड एक्‍टर के 5जी वायरलेस नेटवर्क प्रौद्योगिकी को चुनौती देने के मुकदमे को खारिज कर दिया है.




कोर्ट ने कड़ी टिप्‍पणी करते हुए जूही पर 20 लाख रुपये का हर्जाना भी लगाया है.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 5G रोल आउट के खिलाफ Juhi Chawla’s petition को खारिज कर दिया है.

याचिका पर सुनवाई शुरू हुई, लेकिन एक शख्स ने तीन बार बाधा डाली.

जूही चावला की फिल्मों के तीन गाने गाकर.

बार एंड बेंच के मुताबिक जस्टिस जेआर मिधा की बेंच ने 3 बजे मामले पर सुनवाई शुरू की.

सुनवाई वर्चुअल माध्यम से हो रही थी.

तभी किसी शख्स की आवाज़ आई, ‘जूही मैम कहां हैं? मैं उन्हें देख नहीं पा रहा’.

ये शख्स सिर्फ यहीं तक नहीं रुका.


अगले ही मिनट जूही चावला की फिल्म ‘हम हैं रही प्यार के’ का गाना ‘घूंघट की आड़ से’ गाने लगा.

कोर्ट ने नाराज़ होकर कोर्ट मास्टर को आदेश दिया कि उस शख्स को सुनवाई से हटाया जाए.

कोर्ट मास्टर ने ऐसा ही किया.

लेकिन वो शख्स भी मानो जैसे पक्का इरादा कर के आया था कि मन में जितने भरे हैं,

उतने जूही चावला के गाने सुनाकर ही रहेगा.

यहां कोर्ट ने जूही चावला को एक और बड़ा झटका दिया है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया.

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हाई कोर्ट ने कहा, ऐसा लगता है कि याचिका को पब्लिसिटी के लिए दायर किया गया था,

इसी वजह से लिंक सोशल मीडिया पर शेयर किया गया.

न्यायमूर्ति जीआर मिधा की एकल पीठ ने आदेश में कहा कि,

ये परेशान करने वाले आरोप लगाए गए थे.



गौरतलब है कि इससे पहले, HC ने भारत में 5जी टेक्‍नॉलाजी पर क्रियान्‍वयन के खिलाफ,

बॉलीवुड एक्‍टर जूही चावला की याचिका पर अपना आदेश आदेश सुरक्षित रखा था.

Juhi Chawla’s petition ने हाईकोर्ट में देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ सोमवार को दायर की थी.

उन्होंने इसमें नागरिकों, जानवरों, वनस्पतियों और जीवों पर,

इस प्रौद्योगिकी के विकिरण के प्रभाव संबंधी मुद्दों को उठाया था.

अधिवक्ता दीपक खोसला के माध्यम से दायर जूही चावला की इस याचिका में कहा गया था,

कि इन 5जी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव

और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है.

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने जूही चावला के सरकार को प्रतिवेदन दिये बिना,

5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक (5G wireless network technology) को चुनौती देने के लिए सीधे अदालत आने पर बुधवार को सवाल उठाये थे.

यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं,

तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रभाव से नहीं बच सकेगा.



याचिका में प्राधिकारियां को यह प्रमाणित करने का निर्देश देने का अनुरोध,

किया गया है कि 5जी प्रौद्योगिकी किस तरह से मानव जाति, जानवरों और हर प्रकार के जीवों, वनस्पतियों के लिए सुरक्षित है.

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