Twitter को केंद्र सरकार ने नए IT नियमों को मानने का दिया आखिरी मौका

0
204
Twitter

Twitter को केन्द्र सरकार द्वारा पेश किए गए नए आईटी नियमों को ठीक तरह से लागू न करने को लेकर सरकार ने  नोटिस भेजा है और इस पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा है.

नई दिल्ली:Twitter को सरकार ने ट्विटर को नए नियमों को मानने को लेकर आखिरी मौका देते हुए चेतावनी दी है.

कि अगर वह सभी नियमों को नहीं मानता है तो इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

सरकार ने अपने खत में 26 मई और 28 मई, 2021 को भेजे गए खत और

उसपर ट्विटर द्वारा 28 मई और 2 जून, 2021 को भेजे गए का हवाला देते हुए ,

कहा है कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म द्वारा दिए गए जवाब,

पूरी तरह से MeitY को संतुष्ट नहीं करते हैं और न ही नए नियमों को पूरी तरह से मानते हुए दिखाई देते हैं.

ये भी पढ़ें: Corona Delta Variant : क्या होगी वैक्सीन प्रभावी ?

मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा कि ट्विटर ने अब तक नए नियमों के तहत मुख्य अनुपालन अधिकारी की जानकारी नहीं दी है.

इसके साथ ही कंपनी द्वारा रखे गए शिकायत अधिकारी और

नोडल संपर्क अधिकारी भी भारत में ट्विटर इंक के कर्मचारी नही हैं.

Twitter द्वारा खत में लिखा गया ट्विटर इंक का ऑफिस एड्रेस भी

भारत के एक लॉ फर्म का है जो कि नियमों के तहत सही नहीं है.

सरकार ने कहा कि सोशल मीडिया इंटरमीडियरी को लेकर जारी किए गए,

नियम 26 मई से प्रभाव में आ गए हैं और इसको एक सप्ताह भी बीत चुके हैं,

लेकिन ट्विटर ने इन नियमों को मानने से मना कर दिया है.

यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि इस तरह के गैर-अनुपालन से अनपेक्षित परिणाम होंगे,

जिसमें ट्विटर को इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) एक्ट, 2000 की धारा 79 के तहत इंटरमीडियरी के रूप में मिलने वाले छूट से हाथ धोना पड़ सकता है.

यह उपरोक्त नियमों के नियम 7 के तहत स्पष्ट रूप से प्रदान किया गया है.

मंत्रालय ने कहा कि इन नियमों को न मानना यह दर्शाता है कि ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर भारत के लोगों के लिए एक सुरक्षित एक्सपीरियंस नहीं देना चाहता है.

दुनिया भर में भारत ऐसा पहला देश था जिसने ट्विटर प्लेटफॉर्म को एडॉप्ट किया.

भारत में लगभग एक दशक से ज्यादा समय से मौजूद होने के बावजूद भी ट्विटर एक ऐसा मैकेनिज्म क्रिएट करने में असफल रहा है

जिसमें समय रहते भारत के लोगों की परेशानियों को स्पष्ट तरीके से भारत के रिसोर्सेज द्वारा दूर किया जा सके.

इसके अलावा जब इसे नियम के तहत लाया गया तो भी वो इसे मानने को तैयार नहीं है.

भारत के लोग, जो ट्विटर प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं,

अपनी शिकायतों को दूर करने और अपने विवादों को हल करने के लिए एक निष्पक्ष तंत्र की मांग करते हैं.

जो उपयोगकर्ता मंच पर दुर्व्यवहार करते हैं या परेशान होते हैं या मानहानि या यौन शोषण का शिकार बनते हैं.

उनके लिए एक निवारण तंत्र मिलना चाहिए जिसे भारत के उन्हीं लोगों ने कानून की उचित प्रक्रिया के माध्यम से बनाया है.

इसके साथ ही सरकार ने आखिर में अपने पत्र में ट्विटर को नए डिजिटल नियमों को मानने के लिए,

आखिरी मौका देने की बात कही है.

ऐसे में यदि ट्विटर इन नियमों को नहीं मानता है तो उसे इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) एक्ट,

2000 की धारा 79 के तहत इंटरमीडियरी के रूप में मिलने वाले छूट से हाथ धोना पड़ सकता है

और साथ ही IT एक्ट और भारत के अन्य कानून के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here