लखनऊ : Jitin prasad : बीजेपी में शामिल होने से पहले जितिन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे.
यहां से बीजेपी के दफ्तर पहुंचे और पार्टी जॉइन की.
Jitin prasad का नाम उन युवा नेताओं में शुमार होता रहा है जो राहुल गांधी के बेहद करीब माने जाते रहे हैं.
कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि यूपी में कांग्रेस के पास कुछ ही गिने-चुने चेहरे बचे थे.
Jitin prasad : ” कांग्रेस में अपनों के लिए कुछ नहीं कर पा रहा था’
बीजेपी में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा कि बीजेपी ने कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं.
जिस दल में मैं था, महसूस हुआ कि जब अपनों के हितों के लिए कुछ कर नहीं पा रहा हूं.
जब आप किसी की सहायता नहीं कर सकते.
इस लायक नहीं हैं कि जनता के हितों की रक्षा नहीं कर सकते… कांग्रेस में मुझे यह महसूस होने लगा था, इसलिए बीजेपी जॉइन की.
जितिन ने कहा कि मैं ज्यादा नहीं बोलूंगा. मेरा काम बोलेगा.
अब मैं एक समर्पित बीजेपी का कार्यकर्ता हूं.
मेरा उद्देश्य भी सबका साथ, सबका विकास, एक भारत श्रेष्ठ भारत पर काम करूंगा.
विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है.
यूपी में अपनी पैठ जमाने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी लगातार काम कर रही हैं.
चुनाव से पहले जितिन ने कांग्रेस छोड़कर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बड़ा झटका दिया है.
लोकसभा चुनाव से पहले उड़ी थी अफवाह
जितिन प्रसाद के 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल होने की खबर आई थी.
दो-तीन दिनों तक इसे लेकर चर्चाओं के बाजार गर्म रहे। कहा जा रहा था कि जितिन बीजेपी की टिकट पर धौरहरा सीट से चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि बीजेपी जितिन प्रसाद को लखनऊ से चुनाव लड़ाना चाहती थी.
हालांकि तमाम उतार-चढ़ाव और कयासों के बीच आखिर जितिन कांग्रेस में ही रहे.
कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों में जितिन भी शामिल
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे.
जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव और इसे और ज्यादा सजीव बनाने के लिए पत्र लिखा था.
यूपी में इसको लेकर कुछ नेताओं ने विरोध भी किया था.
जितिन प्रसाद के बारे में
– दो बार सांसद रहे और कांग्रेस की केंद्र सरकार में राज्यमंत्री रहे.
– 2004 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने.
– 2008 में केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री बनाए गए.
– 2009 में परिसीमन के बाद धौरहरा से चुनाव लड़े और दूसरी बार सांसद बने.
– यूपीए 2 में सड़क, परिवहन, पेट्रोलियम और मानव संसाधन विभाग में राज्यमंत्री रहे.
– 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में धौरहरा से चुनाव हारे.
– जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद भी शाहजहांपुर से चार बार सांसद रहे.
– राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार भी रहे.
– जितेंद्र यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष और राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे.
– जितेंद्र प्रसाद ने 2000 में सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था.
लोकसभा चुनाव में जितिन को इस तरह मिले वोट
2004 में जीतेः जितिन को 2004 में 2.20 लाख वोट मिले। उन्होंने एसपी के राममूर्ति वर्मा को 81 हजार वोटों से हराया था.
2009 की जीतः जितिन ने 2009 में बीएसपी के राजेश वर्मा को 1.84 लाख वोट से हराया। जितिन को 3.91 लाख वोट मिले थे.
2014 में मिली हारः जितिन को 2014 में 1.70 लाख वोट मिले। उन्हें बीजेपी प्रत्याशी रेशा वर्मा ने 1.89 लाख वोट से हराया.
2019 की हारः जितिन को 2019 में 1.61 वोट मिले। इस बार भी उन्हें बीजेपी प्रत्याशी रेखा वर्मा ने 3.50 लाख वोटों से हराया.