kapil sibbal

नई दिल्ली: Kapil Sibbal बोले में BJP शामिल होने पर जीते-जी तो हरगिज़ नहीं’.

Kapil Sibbal ने BJP से किया सवाल सैद्धांतिक राजनीति की बात करती है BJP. जितिन प्रसाद को किस चेहरे से अपना रहे हैं?

कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने से सियासी हंगामा मचा हुआ है.

Jitin Prasad के भाजपा में शामिल होने से सियासी हंगामा,

कांग्रेस के और भी नेताओं के भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं.




इससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस मौजूदा समय में भारी संकट के दौर से जूझ रही है.

कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के समूह ‘जी-23’ (G-23) ने

इस बारे में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखा भी था कि पार्टी में व्यापक सुधारों की जरूरत है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) भी ‘जी-23’ क्लब के प्रमुख सदस्य हैं.

सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस को सुधारों की सख्त जरूरत है और पार्टी नेतृत्व को सुनना होगा.



उन्होंने कहा कि यह समझ से परे था कि जितिन प्रसाद जैसा व्यक्ति भाजपा में शामिल होगा.

Kapil Sibbal ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति सोचता है कि मुझे कुछ नहीं मिल रहा है, तो वह पार्टी छोड़ सकता है.

जितिन के पास कांग्रेस छोड़ने के अच्छे कारण हो सकते हैं. मैं उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए दोषी नहीं ठहराता.

मैं उन्हें उन कारणों के लिए दोषी ठहराता हूं जिसके आधार पर वह भाजपा में शामिल हुए.

वह किस चेहरे से कह सकते हैं कि अब मैं एक ऐसी विचारधारा को अपना रहा हूं जिसका मैं तीन दशकों से विरोध कर रहा था?

और यह पार्टी जो सैद्धांतिक राजनीति की बात करती है, वे जितिन को किस चेहरे से अपना रहे हैं?

Kapil Sibbal ने कहा, इस तरह की राजनीति से लोगों का विश्वास उठ रहा है.”

कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं जितिन प्रसाद ने जो किया उसके खिलाफ नहीं हूं

क्योंकि कुछ वजह होनी चाहिए जिसे नहीं बताया गया है.



लेकिन, बीजेपी को ज्वाइन करना मेरे समझ से परे है.

उन्होंने कहा कि ये दर्शाता है कि हम आया राम गया राम से हम प्रसाद पॉलिटिक्स की तरफ जा रहे हैं,

जहां प्रसाद मिले आप पार्टी ज्वाइन कर लो.

राहुल गांधी के पूर्व सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद प्रसाद का कांग्रेस का साथ छोड़ना दूसरा बड़ा झटका है.

ज्योतिरादित्य ने पिछले साल मध्य प्रदेश के विधायकों के साथ राज्य में कांग्रेस की सरकार गिरा दी थी.



मध्यप्रदेश के दलबदल के साथ-साथ एक के बाद एक चुनावी हार ने सिब्बल,

गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा जैसे कांग्रेस के दिग्गजों को कांग्रेस में सुधार के लिए पार्टी नेतृत्व को पत्र को लिखने पर मजबूर कर दिया.

कांग्रेस के अभी तक के इतिहास में गांधी परिवार को ऐसा पत्र कभी नहीं मिला था.

Follow us on Facebook

Follow us on YouTube

Download our App

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here