MP Sakshi Maharaj ने कहा रसीद दिखाओ और राम मंदिर को दिया चंदा वापस लो

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MP Sakshi Maharaj भारतीय जनता पार्टी सांसद ने कहा है कि जो लोग राम मंदिर निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं, वे रसीद दिखाकर अपना चंदा वापस ले लें.

नई दिल्ली : MP Sakshi Maharaj ने कहा कि जो नेता अब आरोप लगा रहे हैं, वे वही हैं जिन्होंने पूर्व में राम भक्तों पर गोलियां चलाई थीं.

सांसद साक्षी महाराज ने कहा, ‘उन्होंने कहा था कि वे बाबरी मस्जिद के पास एक पक्षी को भी नहीं जाने देंगे.




उनके दंभ का करारा जवाब दिया गया है

और राम जन्मभूमि स्थल पर एक भव्य मंदिर बन रहा है.

ऐसे लोगों के पास निराधार आरोप लगाने के अलावा और कुछ नहीं है.’

साक्षी महाराज ने कहा कि जहां तक चंपत राय की बात है,

तो उन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान राम को समर्पित कर दिया है.

उन्होंने कहा, ‘ऐसे व्यक्ति पर आरोप लगाना सही नहीं है.


फिर भी, यदि आप के संजय सिंह (AAP Leader Sanjay Singh) ने राम मंदिर के लिए कुछ दान किया है,

तो वह रसीद दिखाकर अपना दान वापस ले सकते हैं.

अखिलेश यादव (SP Leader Akhilesh Yadav) ने दान दिया है,

तो वह अपना दान वापस ले सकते हैं.

ये वही लोग हैं जिन्होंने राम मंदिर का कड़ा विरोध किया था.

मालूम हो कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर राम मंदिर की जमीन,

की खरीद में कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.

हालांकि उन्होंने कहा कि ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि मंदिर को वास्तु शास्त्र के अनुसार भव्य रूप देने,

परिसर को हर तरह से सुरक्षित और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए काम कर रहा है.

MP Sakshi Maharaj ने कहा कि इस मंदिर के पूर्व और पश्चिम भाग में निर्माण दीवार और रिटेनिंग वॉल की सीमा के भीतर आने वाले महत्वपूर्ण मंदिर आपसी सहमति से खरीदे गए हैं.

तीर्थ क्षेत्र ने निर्णय लिया है कि इस प्रक्रिया में विस्थापित प्रत्येक संस्था/व्यक्ति का पुनर्वास किया जाएगा.

पुनर्वास के लिए भूमि का चयन संबंधित संस्थाओं/व्यक्तियों की सहमति से किया जा रहा है.

इस प्रक्रिया के तहत अयोध्या में स्थित 1.20 हेक्टेयर भूमि को पूरी पारदर्शिता के साथ कौशल्या सदन

आदि महत्वपूर्ण मंदिरों की सहमति से खरीदा गया है.

बयान में यह भी कहा गया है कि यह ध्यान देने योग्य है कि उपरोक्त भूमि अयोध्या रेलवे स्टेशन के पास मार्ग पर स्थित एक प्रमुख स्थान पर है.

इस भूमि के संबंध में वर्ष 2011 से वर्तमान वेंडरों के पक्ष में अलग-अलग समय (2011, 2017 एवं 2019) में ठेका निष्पादित किया गया था.

जांच में ये प्लॉट उपयोग के लिए उपयुक्त पाए गए,

जिसके बाद संबंधित व्यक्तियों से संपर्क किया गया.


भूमि के लिए मांगे गए मूल्य की तुलना वर्तमान बाजार मूल्य से की गई

और अंतिम देय राशि लगभग 1,423 रुपए प्रति वर्ग फुट तय की गई,

जो आसपास के क्षेत्र के वर्तमान बाजार मूल्य से काफी कम है.

सांसद साक्षी महाराज ने आगे कहा कि कीमत पर सहमति के बाद संबंधित व्यक्तियों को,

अपने पहले के अनुबंधों को पूरा करने की आवश्यकता थी, तभी संबंधित भूमि जो तीर्थ क्षेत्र में थी, ली जा सकती थी.

जैसे ही तीर्थ क्षेत्र से अनुबंध करने वाले व्यक्तियों के पक्ष में भूमि का काम किया गया,

उसके बाद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और पूरी तत्परता और पारदर्शिता के साथ पंजीकृत किया गया.


पहले दिन से ही ट्रस्ट का निर्णय रहा है कि सभी भुगतान सीधे बैंक से खाते में किए जाएंगे.

संबंधित भूमि की खरीद प्रक्रिया में भी यही निर्णय लिया गया है.

यह भी सुनिश्चित किया गया कि सरकार द्वारा लगाए गए सभी करों का भुगतान किया जाए.

उन्होंने कहा, ‘आरोप लगाने वालों ने आरोप लगाने से पहले तीर्थ क्षेत्र,

के किसी अधिकारी से तथ्यों के बारे में पूछताछ नहीं की.

इससे समाज में भ्रम पैदा हुआ है.

सभी श्री राम भक्तों से अनुरोध है कि वे इस तरह के किसी भी प्रचार पर विश्वास ना करें,

ताकि चल रहे निर्माण कार्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का काम बिना किसी बाधा के पारदर्शिता,

के साथ पूरा किया जा रहा है.’

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